Friday 26 May 2023

ं★धर्म के नाम पर श्रृद्धा व समर्पण हो, धन्धा व स्वार्थ नहीं !★ किसी भी धर्म मे अपने आराध्य के प्रति सच्ची श्रृद्धा व समर्पण होना चाहिए । समर्पण धन / स्वार्थ / अंहकार / बुराईयों व जीवन का होना चाहिए । (१) श्रीनाथजी के प्रति बृजवासियों / महाराणा / ठिकानों / वैष्णवों का समपर्ण था व है इसके साथ ही पूर्व के वल्लभ कुल / धनपतियों / नाथद्वारावासीयों का भी समपर्ण था किन्तु आजकल के कुछ मठाधीशों / कुछ धनपतियों / कुछ नाथद्वारावासीयों / कुछ बोर्ड मैम्बर्स / कुछ नेताओं / कुछ अधिकारियों का पूर्ण समर्पण नहीं है, केवल दिखावा मात्र है । (२) आश्चर्य की बात तो यह है कि इन्हें आवश्यकता नहीं होने के बावजूद भी उक्त सम्मानीय श्रीनाथजी की धन व सम्पत्तियों को लूट या लूटा रहे है । (३) नेताओं / नगरपालिका व सरकारी अधिकारियों की मिली भगत से ◆नाथूवास तालाब की आ.नं. 498 से 507 ◆लावटी पेट्रोल पम्प की आ.नं. 461 ◆बड़ा मगरा की आ.नं. 1720,1746,1848,1980 ◆लालबाग की आ.नं. 1627 मन्दिर मण्डल के हाथों से नगरपालिका / अन्य व्यक्तियो के हाथों मे चली गई है, जो लूट होकर गलत है । (४) मन्दिर मण्डल की जमीनों की लूट का फायदा कुछ बोर्ड मैम्बर्स / सक्षम व्यक्ति व अधिकारी उठा रहे है । सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(16) #26/05/23 #dineshapna





 

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