Monday, 28 October 2024

★सत्य (सही) को सत्य (सही) व झूठ (गलत) को झूठ (गलत) कहे !★ 【सनातन धर्म (पूरी दुनिया के लिए) व भारतीय संविधान (केवल देश के लिए) है !"】 (१) "सनातन धर्म" एक सुखी, आदर्श व सह अस्तित्व के साथ जीवन जीने की पद्वति है ! "जीयो और जीने दो" का उद्देश्य है ! इसमें प्रेम, शान्ति, सहयोग व सह अस्तित्व के लिए अपने धर्म के साथ दूसरे धर्म / प्रकृति / पशु पक्षियों का भी सम्मान किया जाता है इसलिए "वसुदेव कुटुम्ब" व "सर्वे भवन्तु सुखिनः" का सन्देश व सिद्धांत है ! अतः "सनातन धर्म" पूरी दुनिया के लिए व हित मे मान्य व स्वीकार्य है ! (२) इसके विपरीत "अन्य मजहब / सम्प्रदाय" की मान्यता का क्षेत्र सीमित है ! जैसे :- इस्लाम भी प्रेम, शान्ति, सहयोग व भाईचारा की बात तो करते है किन्तु वह सभी केवल अपने इस्लाम मजहब के लोगों तक ही सीमित है और अन्य धर्म / मजहब / सम्प्रदाय के लोगों से नफरत के साथ उन्हें समाप्त करने की बात करते है जो गलत है ! क्योंकि इस्लाम के अनुसार अल्लाह एक है तो उन्होंने ही हिन्दू व अन्य मजहब के लोगों को जन्म दिया है तो उनसे नफरत व उन्हें मिटाने की बात करना गलत होकर अल्लाह के कार्य मे रुकावट डालना है !इसलिए इस्लाम की मान्यता सीमित होने के साथ भारतीय संविधान के भी विपरीत है ! जैसेकि "नींबू मे यदि बीज नहीं होता तो नींबू अमृत हो जाता" ! उसी प्रकार इस्लाम मे से "अन्य धर्मों से नफरत" नामक "एक बीज" नहीं हो तो यह इस्लाम भी "अमृत के समान सर्वजनहिताय" हो सकता है ! (३) भारतीय संविधान भी बहुत अच्छा है किन्तु उसमें भी "एक बीज" यह है कि जनप्रतिनिधियों / नेताओं ने "संविधान के विपरीत कानून" बना रखे है, जो गलत है ! यदि उक्त बीज को हटा दिया जाये तो "भारतीय संविधान व उनके कानून" भी "अमृत के समान सर्वजनहिताय" हो सकते है ! (४) "सनातन धर्म", "इस्लाम" व "भारतीय संविधान" मे उक्त "एक असमानता" (एक बीज) के अलावा अन्य मुख्य ग्यारह (11) समानताएं है ! जैसे :- 【"सनातन धर्म" मे ●एक सर्वशक्तिमान ईश्वर, ●धर्म कर्तव्य, ●कर्म, ●आत्मा, ●जन्म मरण का चक्र, ●वेद व शास्त्र, ●योग, ●भक्ति, ●उपासना, ●दान, ●परोपकार आदि है !】 【"इस्लाम" मे ●एक सर्वशक्तिमान अल्लाह (तौहीद), ●धर्म पैगम्बर मे विश्वास (नबूवत), ●कर्म (अल्लाह के बताये कार्य), ●आत्मा (पुनर्जीवित किया जाना), ●परलोक मे विश्वास (आख़िरत) ●ईश्वरीय ग्रंथ (कुरआन), ●योग(अल्लाह के समक्ष अर्ज), ●प्रार्थना (नमाज़), ●उपवास (रोज़ा), ●दान (ज़कात), ●तीर्थयात्रा (हज) आदि है !】 【"भारतीय संविधान" मे ●एक सर्वशक्तिमान संविधान, ●संविधान प्रदत्त कर्तव्य, ●सभी के अधिकार व कार्य, ●संविधान देश की आत्मा, ●संविधानिक संस्थाओं का कानूनी चक्र, ●कानून व नियम, ●संविधान की रक्षा व समीक्षा के लिए न्यायालय, ●प्रत्येक नागरिक को पालन करना आवश्यक, ●संविधान / कानून मे नवीन या परिवर्तन की कानूनी प्रक्रिया, ●कानून की पालना व कार्य के लिए न्यायालय व कार्यपालिका , ●जनहित मे जनप्रतिनिधियों के द्वारा कानून बनाना व परिवर्तन करना आदि है !】 सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(191) #28/10/24 #dineshapna


 

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