Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Saturday 12 October 2019
★अपने आप को पहचानो !★ ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● गर बैसाखी नहीं पकड़ते, दावा है खुद पैरों पर होते, मंजिल कितनी भी दुश्वार, दौड़ लगाकर पार भी करते। संघ, भाजपा छलिया हिंदू सत्ता के लोभी हैं ललचाए, इनको मतलब बस सत्ता से कार्यकर्ता बस जान गंवाए। क्यों जिन्ना नहीं निकाला तुमने गांधी नेहरू हेडगवार निकाले, क्यों गोडसे पैदा नहीं हुए फिर जो हर बार तलवार निकाले। शुतुरमुर्गी वीर हैं सब बस खतरा देख भूमिगत माथा, दो दिन में ठंडा हो मामला, फिर निकलेंगे लेकर भाला। सुनो हिंदुओं खुली चुनौती आ समक्ष इसबार मिली है, मात्र पूजनोत्सव की खातिर घर अन्दर ललकार मिली है। त्यागो पहले संघ भाजपा आग लगा दो इन सबको, फिर हरदल को तुम त्यागो हिंदू योद्धा समझो खुदको। क्यों क्रोध छुपाते हो उर में लावा धधका है वो बहने दो, क्यों नहीं सिंह बनकर आते क्यों श्वान सदृश घबरा जाते। क्या भय कायर मृत्यु सदृश क्या बना तुम्हारी बेड़ी है , क्या रोक रहा प्रतिशोधों से, क्यों सीधी राह भी टेढ़ी है? वीर शिवा, राणा के वंशज क्यों इतने बौने लाचार बने, लक्ष्मीबाई, दुर्गा की संताने क्यों घर में अत्याचार सहे? जबतक निजबाहु भरोस नहीं सत्तालोलुप तुमको भरमाएंगे, सत्ताधारी भी तुमको ठुकराएंगे तुष्टिकारी बन तुमको चूसेंगे। कहता प्रमोद तुम होश करो! अपने उर जमकर जोश भरो! हे सिंह पुत्र तुम जहां भी रहो! शत्रु पर अपने खुद टूट पड़ो! हे वीर आर्य! हे द्रविड़ वीर! जागो! हो जैसे महावीर! जब दूश्मन घर में घुस आए, कर वार उसे दो खड़े चीर ! वीरों का कार्य है शोक नहीं, विधवा विलाप रूदाली का, जब घात हुआ प्रतिघात करो! कांपे तन मन वैरी दल का। हे प्रमोद! मत शोक करो! शत्रु है निकट प्रहार करो! होश नहीं अब जोश भरो! हुंकार भरो हुंकार करो! बस यही मोह तुम्हारी बाधा है, त्यागो तत्क्षण अविलंब इसको संघ भाजपा का मिथ्या भरोस, त्यागो प्रमोद, रण में कूद पड़ो।।। ★संकलन....................... CA.Dinesh Sanadhya #dineshapna #मेराभारतमहान
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