Wednesday 1 August 2018

पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन सतत हो- स्वामी ब्रजभूषण जी महाराज पर्यावरण चेतना , संरक्षण , संवर्धन एक दिन , एकसप्ताह , एक वर्ष का विषय नहीं है तथा न ही एक समाज , एक धर्म ,एक संघठन या एक देश का ही कार्य है ।पर्यावरण संरक्षण व संवर्धनजीवन पर्यंत चलने वाली सतत जागरूकता व सभी समाज , धर्म,संघठन व देशों के संघठीत कार्य है । आज, वापी से शुरू पर्यावरणयात्रा का अल्प विराम हे, जो आगे राजसमंद में विभिन्न संघठनो वपर्यावरण प्रेमियों के माध्यम से सतत चालू रहेगी । पेड़ में परमात्मा कावासा है । यह विचार वृंदावन के स्वामी ब्रजभूषण दास जी महाराज (राष्ट्रिय भगवत गीता वाचक ) द्वारा पिपलांत्री में आयोजित पर्यावरणसंरक्षण संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में प्रकट किये । इस संगोष्ठीकी अध्यक्षता फ़तेह सिंह राठोड (वन एवं वन्य जीव अधिकारीराजसमंद ने की तथा कहा की हम व हमारा विभाग पेड़ व वनो की रक्षाके लिए ही कार्य कर रहा हे यदि आम जनता व संघठन इस कार्य केलिए आगे आते हे तो इस कार्य में अधिक गति मिलेगी । दक्षिणी अमेरिका की पर्यावरण विद सोफिया के विशिष्ट अतिथि के रूप में "पृथ्वी एक सुन्दर गृह हे इसे बचाये व वृक्ष लगाए ! सी ए. दिनेश सनाढ्य , विशिष्ट अतिथि ने कहा कि जैसेप्रत्येक व्यक्ति का अपना घर , अपना खेत , अपना परिवार होता हे,उसी प्रकार अपना पेड़ भी होना चाहिए । जिसकी वह जीवन पर्यन्तदेखरेख करे व बाद में वसीयत कर उसकी जिम्मेदारी अपनेउत्तराधिकारी को देकर जाए । " गर्व से कहो, मेरा भी एक पेड़ है " ! इस अवसर पर श्यामसुंदर पालीवाल ने बडगुल्ला सरपंच व कालिंजरसरपंच उर्मिला गुर्जर को पर्यावरण व जल संरक्षण का कार्य पूर्णईमानदारी व प्राथमिकता से कराने के लिये कल्पवृक्ष के नीचे व स्वामीब्रजभूषण जी महाराज के सानिध्य में शपथ दिलाई । आशापुरा मानवकल्याण ट्रस्ट के अध्यक्ष नान जी गुर्जर ने कहा कि आशापुरा मानवकल्याण सम्पूर्ण मेवाड़ में 125000 लाख पौधे लगवाएगा ! पर्यावरणसंरक्षण यात्रा व पौधारोपण कार्य क्रम में नो दिन सहयोग करने वालोको उनके सराहनीय कार्य का स्मृति चिन्ह अनुराधा वैष्णव , नारायणसिंह राव , नारायण सिंह चुण्डावत , हर्षद भाई , श्याम सुन्दरपालीवाल , दयमंती शर्मा , राम दास वैष्णव , दिनेश सनाढ्य, इंद्रा कुंवर सोलंकी , यश गुर्जर , कैलाश सामोता ,महिपाल सिंह बल्ला ,श्री कृष्ण पालीवाल ,देवी सिंह बल्ला,शंकर लाल गुर्जर, राकेश सेन धर्मेंद्र साल्वी भूर सिंह बल्ला, कालू सिंह सोलंकी ,गोपी राम, महिपाल सिंह, कालू सिंह सोलंकी , मधु पालीवाल को प्रदान किये । अंत में पर्यावरण चेतना यात्रा के संयोजक कैलाश सामोता नेकहा की जिस प्रकार पर्यावरण के लिए पिपलांत्री में जल संरक्षण वपर्यावरण के लिए कार्य हुआ है वैसा ही कार्य कालिंजर , बडगुल्ला ,तासोल व अन्य सभी पंचायतो में होना चाहिए तथा सभी को मिलकरकार्य करना चाहिए व सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया । 30.07.2018, Rajsamand































1 comment:

  1. यदि 05 सेकंड के लिए धरती से ऑक्सीजन गायब हो जाए तो क्या होगा???

    05 सेकंड के लिए धरती बहुत, बहुत ठंडी हो जाएगी.

    जितने भी लोग समुद्र किनारे लेटे हैं...उन्हें तुरंत सनबर्न होने लगेगा.

    दिन में भी अँधेरा छा जाएगा.

    हर वह इंजन रूक जाएगा जिनमें आंतरिक दहन होता है.
    रनवे पर टेक ऑफ कर चुका प्लेन वहीं क्रैश हो जाएगा.
    धातुओ के टुकड़े बिना वैल्डिंग के ही आपस में जुड़ जाएगे.
    .
    ऑक्सीजन न होने का यह बहुत भयानक साइड इफेक्ट होगा......

    पूरी दुनिया में सबके कानों के पर्दे फट जाएगे....क्योंकि 21% ऑक्सीज़न के अचानक लुप्त होने से हवा का दबाव घट जाएगा.

    सभी का बहरा होना पक्का है.

    कंक्रीट से बनी हर बिल्डिंग ढेर हो जाएगी.

    हर जीवित कोशिका फूलकर फूट जाएगी.
    .
    पानी में 88.8% ऑक्सीज़न होती है.
    ऑक्सीजन ना होने पर हाइड्रोजन गैसीय अवस्था में आ जाएगी और इसका वाॅल्यूम बढ़ जाएगा.
    हमारी साँसे बाद में रूकेगी, हम फूलकर पहले ही फट जाएँगे.

    समुद्रो का सारा पानी भाप बनकर उड़ जाएगा.....क्योंकि बिना ऑक्सीजन पानी हाइड्रोजन गैस में बदल जाएगा और यह सबसे हल्की गैस होती है तो इसका अंतरिक्ष में उड़ना लाज़िमी है.

    ऑक्सीजन के अचानक गुम होने से हमारे पैरों तले की जमीन खिसककर 10-15 किलोमीटर नीचे चली जाएगी.

    ........रूह कांप गई क्या???
    ये न हो इस लिए *अपने जीवनकाल में कुछ वृक्ष जरूर लगाएं* ....
    और ज्यादा से ज्यादा लोगों को लगाने के लिये प्रेरित करें....।
    Save Earth By Plant

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