Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Thursday 21 November 2019
★एक गुण (100%) से सभी गुण अपने आप !★ ★★★★★★★★★"प्रेम"★★★★★★★★★ भक्तिरसामृतसिन्धु में भगवान् "श्री कृष्ण" के 64 गुण बताए गए हैं , जो इस प्रकार हैं : - (1) सम्पूर्ण शरीर का सुन्दर स्वरूप (2) समस्त शुभ गुणों से अंकित (3) अतिव रूचिर (4) तेजवान (5) बलवान (6) नित्य युवा (6) अद्भुत भाषाविद् (8) सत्यवादी ★ (9) मधुर भाषी ★ (10) वाक् पटु (11) सुपण्डित (12) अत्यधिक बुद्धिमान् (13) प्रतिभावान् (14 ) विदग्ध (15) अतिव चतुर (16) दक्ष (17) कृतज्ञ ★ (18) दृढ़संकल्प ★ (19) काल तथा परिस्थियों के कुशल निर्णायक (20) वेदों या शास्त्रों के आधार पर देखने एवं बोलने वाले (21) पवित्र (22) आत्मसंयमी (23) स्थिर (24) सहिष्णु (25) क्षमावान् ★ (26) गंभीर ★ (27) धैर्यवान् ★ (28) समदृष्टि रखने वाले (29) उदार (30) धार्मिक (31) शूरवीर (32) दयालु (33) सम्मान करने वाले (34) भद्र (35) विनयी (36) लज्जावान् (37) शरणागत पालक (38) सुखी (39) भक्तों के हितैषी ★ (40) प्रेमवश्य ★ (41) सर्वमंगलमय (42) परम शक्तिमान् (43) परमयशस्वी (44) लोकप्रिय (45) भक्तों का पक्ष लेने वाले (46) समस्त स्त्रियों के लिए अत्यधिक आकर्षक (47) सर्व आराध्य (48) सर्व सम्पन्न (49) सर्व सम्मान्य (50) परम नियंता (51) परिवर्तन रहित (52) सर्वज्ञ (53) चिर नूतन (54) सच्चिदानंद(सदैव नित्य आनन्दमय शरीरवाले) (55) समस्त योग सिद्धियों से युक्त । (56) वे अचिंत्य शक्तिमय हैं.. (57) उनके शरीर से असंख्य ब्रह्माण्ड उत्पन्न होते हैं.. (58) समस्त अवतारों के उद्गम वे ही हैं.. (59) वे अपने द्वारा मारे हुए शत्रुओं को भी मुक्ति देने वाले हैं.. (60) वे मुक्तात्माओं के लिए आकर्षक हैं । (61) वे अद्भुत लीलाओं के कर्ता हैं ( विशेष कर उनकी बाल लीलाएं) (62) वे अद्भुत भगवत् से युक्त भक्तों द्वारा घिरे रहते हैं (63) वे अपनी वंशी से सारे जीवों को आकृष्ट कर सकते हैं (64) उनका रूप सौंन्दर्य अद्भुत है जो सारी सृष्टि में अद्वितीय है। इन 64 असाधारण गुणों से युक्त श्री कृष्ण 64 कला से भी परिपूर्ण हैं। ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ■ हम कुछ सीखें , अपने जीवन मे आत्मसात करें ! ■ उक्त 64 मेसे 9 गुण अपना सकते है ! ■ इन 9 गुणों मे से कोई एक गुण को 100% अपना ले , तो शेष 8 गुण अपने आप आत्मसात हो जाते है ! ■ मै केवल एक गुण "प्रेम" को आत्मसात करने का प्रयास कर रहा हूँ ! (१) हम "सत्य" का साथ दे ! ★ (२) हम "मधुर भाषी" बने ! ★ (३) हम "कृतज्ञ" बने ! ★ (४) हम "दृढ़संकल्प" के साथ कार्य करे ! ★ (५) हम "क्षमावान्" बने ! ★ (६) हम अपने कार्य के प्रति "गंभीर" बने ! ★ (७) हम "धैर्यवान्" बने ! ★ (८) हम आम जन के "हितैषी" बने ! ★ (९) हम सभी से "प्रेम" करें ! ★ ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● CA. Dinesh Sanadhya - 21/11/2019 www.dineshapna.blogspot.com #dineshapna #nathdwara
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