Thursday 21 November 2019

★एक राजा था जिसकी प्रजा हम भारतीयों की तरह सोई हुई थी !★ ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ●बहुत से लोगों ने कोशिश की प्रजा जग जाए... ●अगर कुछ गलत हो रहा है तो उसका विरोध करे, लेकिन प्रजा को कोई फर्क नहीं पड़ता था ! ■राजा ने तेल के दाम बढ़ा दिये, प्रजा चुप रही,राजा ने अजीबो गरीब टैक्स लगाए, प्रजा चुप रही,राजा मनमानी करता रहा लेकिन प्रजा चुप रही, एक दिन राजा के दिमाग मे एक बात आई उसने एक अच्छे-चौड़ेरास्ते को खुदवा के एक पुल बनाया जबकि वहां पुल की कतई आवश्यकता नहीं थी... प्रजा फिर भी चुप थी, किसी ने नहीं पूछा के भाई यहाँ तो किसीपुल की जरुरत नहीं है, आप काहे बना रहे है..? राजा ने अपने सैनिक उस पुल पे खड़े करवा दिए और पुल से गुजरने वाले हर व्यक्ति से टैक्स लिया जाने लगा, फिर भी किसीने कोई विरोध नहीं किया ! फिर राजा ने अपने सैनिको को हुक्म दिया कि जो भी इस पुल से गुजरे उसको ""4 जूते"" मारे जाए और एक शिकायत पेटी भी पुल पर रखवा दी कि किसी को अगर कोई शिकायत हो तो शिकायत पेटी मे लिख कर डाल दे, लेकिन प्रजा फिर भी चुप ! राजा रोज़ शिकायत पेटी खोल कर देखता की शायद किसी ने कोई विरोध किया हो, लेकिन उसे हमेशा पेटी खाली मिलती ! कुछ दिनो के बाद अचानक एक चिट्ठी मिली .. राजा खुश हुआ के चलो कम से कम एक आदमी तो जागा.... 【जब चिट्ठी खोली गयी तो उसमे लिखा था - "हुजूर जूते मारने वालों की संख्या बढ़ा दी जाए"...【 हम लोगों को घर जाने मे देरी होती है ! ऐसे हो गए हैं हम .... और हमारा समाज...... ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● एक तनख्वाह से कितनी बार टेक्स दूं और क्यों...जबाब है??? मैनें तीस दिन काम किया, ●तनख्वाह ली - टैक्स दिया ●मोबाइल खरीदा - टैक्स दिया--' ●रिचार्ज किया - टैक्स दिया ●डेटा लिया - टैक्स दिया ●बिजली ली - टैक्स दिया ●घर लिया - टैक्स दिया ●TV फ्रीज़ आदि लिये - टैक्स दिया ●कार ली - टैक्स दिया ●पेट्रोल लिया - टैक्स दिया ●सर्विस करवाई - टैक्स दिया ●रोड पर चला - टैक्स दिया ●टोल पर फिर - टैक्स दिया ●लाइसेंस बनाया - टैक्स दिया ●गलती की तो - टैक्स दिया ●रेस्तरां मे खाया - टैक्स दिया ●पार्किंग का - टैक्स दिया ●पानी लिया - टैक्स दिया ●राशन खरीदा - टैक्स दिया ●कपड़े खरीदे - टैक्स दिया ●जूते खरीदे - टैक्स दिया कितबें ली - टैक्स दिया ●टॉयलेट गया - टैक्स दिया ●दवाई ली तो - टैक्स दिया ●गैस ली - टैक्स दिया सैकड़ों और चीजें ली ओर - टैक्स दिया, कहीं फ़ीस दी, कहीं बिल, कहीं ब्याज दिया, कहीं जुर्माने के नाम पर तो कहीं रिश्वत के नाम पर पैसा देने पड़े, ये सब ड्रामे के बाद ●गलती से सेविंग मे बचा तो फिर टैक्स दिया---- सारी उम्र काम करने के बाद ◆कोई सोशल सेक्युरिटी नहीं, ◆कोई पेंशन नही, ◆कोई मेडिकल सुविधा नहीं, ◆बच्चों के लिये अच्छे स्कूल नहीं, ◆पब्लिक ट्रांस्पोर्ट नहीं, ◆सड़कें खराब, ◆स्ट्रीट लाईट खराब, ◆हवा खराब, ◆पानी खराब, ◆फल सब्जी जहरीली, ◆हॉस्पिटल महंगे, ◆हर साल महंगाई की मार, ◆आकस्मिक खर्चे व् आपदाएं , ◆उसके बाद हर जगह लाइनें।।।। ■■■■■■■■◆◆◆◆◆◆◆■■■■■■■■■ सारा पैसा गया कहाँ???? ●करप्शन में , ●इलेक्शन में , ●अमीरों की सब्सिड़ी में , ●माल्या जैसो के भागने में ●अमीरों के फर्जी दिवालिया होने में , ●स्विस बैंकों में , ●नेताओं के बंगले और कारों मे, और ●हमें झण्डू बाम बनाने मे। ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ अब किस को बोलूं कौन चोर है??? आखिर कब तक हमारे देशवासी यूंही घिसटती जिन्दगी जीते रहेंगे????? ------------------------- कृपया इसे हरेक नागरिक को भेजें. साला इतना लगान तो अंग्रेज भी नहीं लेते थे ! ■ हमारे तरफ से लोगों को जागरूक करने का एक छोटा सा प्रयास! धन्यवाद। CA. Dinesh Sanadhya - 21.11.19 www.dineshapna.blogspot.com

















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