Wednesday 13 September 2023

★ एक बृजवासी के 12 यक्ष प्रश्न ? ★ ★ इन प्रश्नों का उत्तर कौन देगा ?★ (१) श्रीनाथजी का प्राकृट्य दिवस कब व इसका गूढ़ सत्य क्या ? (२) श्रीनाथजी व बृजवासियों के ( सन् 1409 से 1506 ) 97 वर्ष का इतिहास क्या ? (३) श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा व स्वप्न आज्ञा की पालना क्यों नहीं ? (४) जीवन्त पुष्टिमार्ग व ज्ञान पुष्टिमार्ग क्या ? (५) श्रीनाथजी का रथ व सिंहाड़ के प्रथम स्थान की उपेक्षा क्यों ? (६) श्रीनाथजी के "सेवक से मठाधीश" बनने का सफ़र (सन् 1876 से 2023 तक) की हकीकत क्या ? (७) श्रीनाथजी के "सखा से बन्धुआ मजदूर" बनाने के सफ़र की हकीकत क्या ? (८) नाथद्वारा मन्दिर पर सन् 1959 से सरकारी नियंत्रण क्यों ? (९) श्रीनाथजी की सम्पत्ति / जमीन / धन की लूट क्यों व कब तक ? (१०) श्रीनाथजी व पुष्टिमार्ग की परम्पराओं व भावनाओं को क्यों तोड़ा जा रहा है ? (११) श्रीनाथजी मन्दिर का नियंत्रण असक्षम हाथो मे क्यों ? (१२) श्रीनाथजी मन्दिर की जमीन व धन का दुरुपयोग क्यो व कब तक ? ★★★★★★★(२)★★★★★★★ ★ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ ! ★ ★ श्रीकृष्ण के चरित्र (प्रेम व धर्म) को आत्मसात करे ! ★ (१) श्रीकृष्ण के "प्रेम" का प्रतीक है बाँसुरी ! ( हम सभी से प्रेम करें जिससे राग, द्वेष, लोभ, लालच, अंहकार, झूठ व फरेब सभी का नाश होगा तथा शान्ति व प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा ! ) (२) श्रीकृष्ण के "धर्म" रक्षा का प्रतीक है सुदर्शन चक्र ! (हम सभी को धर्म की रक्षा करनी चाहिए जिससे सभी मे कर्तव्य बोध हो तथा समाज मे से झूठ, चोरी, अन्याय, लूट, गरीबी, असमानता, द्वेष व अन्य सभी बुराइयों का नाश होकर सभी सुख व शान्ति के साथ जीये व हम सभी की प्रगति हो ! ) 【श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कैसे मनाये ?】【श्रीनाथजी के मन्दिर की रक्षा कैसे करे ?】 (i) श्रीकृष्ण के केवल दो सन्देशों का अनुसरण करते हुए, हम नाथद्वारा मन्दिर मे धर्म को बचाने के लिए निम्न 12 यक्ष प्रश्नों का उत्तर जिम्मेदार व्यक्तियों से प्राप्त करें ! (ii) यदि आज हम निम्न 12 यक्ष प्रश्नों का उत्तर नहीं लेते है तो भविष्य मे यह प्रश्न ही एक बड़ा विकराल रुप ले लेगा, जिसको हमारे द्वारा रोकना असंभव हो जायेगा तथा धर्म का नाश होगा ! यह बात श्रीवल्लभाचार्य जी व भविष्यवक्ताओं ने भी कहा है ! (iii) यदि हम निम्न 12 यक्ष प्रश्नों का उत्तर नहीं लेते है तो अधर्म का नाश करने व धर्म की स्थापना करने के लिए श्रीकृष्ण को अवतार लेना होगा ! अतः हम क्यों अपने श्रीकृष्ण को कष्ट दे ! (iv) यदि अपने श्रीकृष्ण को कष्ट देना नहीं चाहते हो तो स्वयं को "सुदर्शन चक्र" को उठाना होगा व श्रीकृष्ण के चरित्र को आत्मसात करना होगा ! कलयुग का "सुदर्शन चक्र" (कानून व संगठित आवाज) है ! (v) आओ ! हम सभी मिलकर निम्न 12 यक्ष प्रश्नो का उत्तर जानने के लिए "संगठित आवाज" उठाये व धर्म की रक्षा करने हेतु एक कदम चले ! ★ एक बृजवासी के 12 यक्ष प्रश्न ? ★ (१) श्रीनाथजी का प्राकृट्य दिवस कब व इसका गूढ़ सत्य क्या है ? (२) श्रीनाथजी व बृजवासियों के ( सन् 1409 से 1506 ) 97 वर्ष का इतिहास क्या है ? (३) श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा व स्वप्न आज्ञा की पालना क्यों नहीं हो रही है ? (४) जीवन्त पुष्टिमार्ग व ज्ञान पुष्टिमार्ग क्या है ? (५) श्रीनाथजी का रथ व सिंहाड़ के प्रथम बार रुकने के स्थान की उपेक्षा क्यों हो रही है ? (६) श्रीनाथजी के "सेवक से मठाधीश" बनने का सफ़र (सन् 1876 से 2023 तक) की हकीकत क्या है ? (७) श्रीनाथजी के "सखा से बन्धुआ मजदूर" बनाने के सफ़र की हकीकत क्या है ? (८) नाथद्वारा मन्दिर पर सन् 1959 से सरकारी नियंत्रण क्यों किया गया ? (९) श्रीनाथजी की सम्पत्ति / जमीन / धन की लूट व लूटाना क्यों व कब तक होता रहेगा ? (१०) श्रीनाथजी व पुष्टिमार्ग की परम्पराओं व भावनाओं को क्यों तोड़ा जा रहा है ? (११) श्रीनाथजी मन्दिर का नियंत्रण असक्षम हाथो मे क्यों है ? (१२) श्रीनाथजी मन्दिर की जमीन व धन का दुरुपयोग क्यो व कब तक होता रहेगा ? ★★★★★★★(३)★★★★★★★ "वृषभ" के संरक्षण की पहल हेतु धन्यवाद ! किन्तु इसके लिए नाम बदलना जरूरी नहीं ! (१) किसी का नाम तब बदल सकते हो, जब उस पर आपका स्वामित्व हो । बागोल गोशाला का स्वामित्व श्रीनाथजी के पास व सुरक्षा मन्दिर मण्डल के पास है । अतः नाम बदलना उचित नहीं है ! (२) किसी का नाम तब बदल सकते हो, जब आप उस पर स्वयं निजी धन उसके लिए देते हो और स्वामित्व धारक से अनुमति भी ली हो । अतः नाम बदलना उचित नहीं है ! (३) किसी का नाम तब बदल सकते हो, जब आपका उद्देश्य जनता को यह बताना हो कि इस पर केवल मेरा ही स्वामित्व व अधिकार है । अतः नाम बदलना उचित नहीं है ! (४) बागोल गोशाला श्रीनाथजी की है, तो उसका नाम "लाल गोविंद वृषभ सदन" रखना गलत है ! यदि ऐसा कार्य (श्रीनाथजी की सम्पत्ति का नाम बदलना) शुरू हो जाता है, तो श्रीनाथजी के अन्य भवनों व मन्दिर का नाम भी भविष्य मे किसी "खास आदमी" के नाम पर हो जाये तो आश्चर्य नहीं होगा ! (५) मन्दिर की समस्त सम्पत्तियों का एक मात्र स्वामित्व श्रीनाथजी का है तथा उनकी सुरक्षा व सदुपयोग करने की जिम्मेदारी नाथद्वारा मन्दिर मण्डल की है ! अतः "स्वामित्व" व "नाम" बदलने का अधिकार किसी को भी नहीं है ! (६) मठाधीश श्रीनाथजी के सेवक है मालिक नहीं ! इनको केवल पूजा (सेवा) करने का अधिकार है ! अतः इनका श्रीनाथजी की सम्पत्ति को अपनी सम्पत्ति समझना गलत है ! (७) "बृजवासी" श्रीनाथजी की सेवा व उनकी सम्पत्तियों की सुरक्षा सन् 1409 से कर रहे है, जबकि वल्लभकुल 97 वर्ष के बाद सन् 1506 से कर रहे है तथा सन् 1876 से मठाधीश श्रीनाथजी की सम्पत्तियों की सुरक्षा करने मे असफल रहे है ! अतः बृजवासियों को श्रीनाथजी की सम्पत्तियों की सुरक्षा हेतु आगे आना होगा ! ★★★★★★★(४)★★★★★★★ ★★★★ धर्मो रक्षति रक्षितः ★★★★ ("धर्म की रक्षा करने पर, रक्षा करने वाले की धर्म रक्षा करता है।") (दूसरे शब्दों में - "रक्षित धर्म", रक्षक की रक्षा करता है"।) (१) नाथद्वारा मे "सात" अधर्म है :- (i) श्रीनाथजी मन्दिर पर सरकारी नियंत्रण (ii) श्रीनाथजी मन्दिर की परम्पराओं को तोड़ना (iii) श्रीनाथजी की सम्पत्तियों की लूट (iv) श्रीनाथजी के धन का अपव्यय (v) श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा की अवमानना (vi) पुष्टि मार्ग की पालना नहीं (vii) बृजवासियों के अधिकारो का हनन ! अतः धर्म की रक्षा करने के लिए उक्त "सात" अधर्म को समाप्त करना होगा ! (२) धर्म की रक्षा करने के लिए "चार" कार्य करने होंगे :- (i) मन्दिर को सरकारी नियंत्रण से मु्क्त कराना ! (ii) श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा की पालना ! (iii) श्रीवल्लभाचार्य जी के पुष्टिमार्ग की सभी के द्वारा पालना ! (iv) बृजवासियों को उनके अधिकार पूर्ण रूप से दिलाना ! (३) धर्म की रक्षा "दो" व्यक्ति कर सकते है :- (i) बृजवासी ! (ii) मठाधीश ! (४) धर्म की रक्षा हेतु "दो" कार्य करने होगे :- (i) बृजवासी अपने अधिकार निस्वार्थ भाव से ले ! (ii) मठाधीश अपना स्वार्थ भाव को छोड़कर समर्पण करें ! (५) धर्म की रक्षा की शुरुआत "एक बृजवासी" ने कर दी है ! अब श्रीनाथजी के "सखा" व श्रीनाथजी के "सेवक" ! दोनों को एक साथ आगे आना होगा ! क्योंकि धर्मयुद्ध का शंखनाद हो चुका है ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(73) (74) (76) (77) #12/09/23 #dineshapna










 

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