Tuesday 26 September 2023

नाथद्वारा मन्दिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो ! ◆क्यों हो ? ◆ कौन करेगा ? ◆कैसे होगा ? (१) क्योंकि सन् 1959 से सरकार ने नाथद्वारा मन्दिर मण्डल का गठन किया, जिसमे सरकार द्वरा बोर्ड मैम्बर्स की नियुक्ति, जिला कलेक्टर स्थाई बोर्ड मैम्बर, मुख्य निष्पादन अधिकारी, सम्पदा अधिकारी व अन्य अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है ! केवल अध्यक्ष महाराज श्री स्थाई है , शेष सभी की नियुक्ति सरकार द्वारा होती है, जो गलत है ! (२) क्योंकि नाथद्वारा मन्दिर मण्डल का गठन का मुख्य उद्देश्य श्रीनाथजी की जमीन, सम्पदा व धन की सुरक्षा व सदुपयोग करना है , किन्तु सरकारी अधिकारी व बोर्ड मैम्बर्स जमीन, सम्पदा व धन की सुरक्षा करने मे असफल रहे व रह रहे है, जो गलत है ! उसके कुछ उदाहरण - लालबाग बस स्टैण्ड, लावटी पेट्रोल पम्प, बड़े मगरे के आसपास व भीलवाड़ा की जमीन है ! (३) मठाधीश बोर्ड मे अकेले रहने के कारण उनको दबाव मे काम करना पड़ रहा है, जिससे अन्य सक्षम व्यक्ति / नेता / सरकारी अधिकारी श्रीनाथजी की जमीन लूट / लूटा रहे है और मन्दिर मण्डल लूट / लूटाने मे सहयोग कर रहे है , जो गलत है ! (४) मठाधीश से एक बहुत बड़ी गलती हो गई, कि जो बृजवासी 550 वर्षो (सन् 1409 - सन् 1559) से समर्पित भाव से सेवा व सुरक्षा कर रहे थे व है ! मठाधीश के द्वारा बृजवासियों के त्याग व बलिदान को भुलाया गया और उन्होंने सरकार व सरकारी अधिकारियों पर विश्वास किया ! जिसका परिणाम अब आप के सामने है ! (५) अब भी समय है कि मठाधीश अपनी गलतियों को सुधार सकते है ! ●उसके लिए बृजवासियों / उदयपुर महाराणा / कोठारिया व अन्य ठिकानों व स्थानीय व्यक्तियों को बोडँ मे शामिल करे ! ●इसके साथ सामाजिक अंकेक्षण की स्वीकृति दे , तब ही सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(80) #26/09/23 #dineshapna


 

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