Friday 8 September 2023

★श्रीकृष्ण ही सर्वश्रेष्ठ गुरु है उनका अनुसरण करके शिक्षक दिवस व जन्माष्टमी मनाये - सनाढ्य★ श्रीकृष्ण सर्वश्रेष्ठ गुरु / शिक्षक है क्योंकि जो शिक्षा देना चाहते है उस शिक्षा को स्वयं अपने जीवन मे आत्मसात करने के बाद ही शिक्षा देते है ! इसका उदाहरण "गीता का उपदेश" है ! हमें भी इस "सत्य व तथ्य" को आत्मसात करना चाहिए ! हमे श्रीकृष्ण की बाँसुरी याद है तो सुदर्शन चक्र को भी नहीं भुलना चाहिए । हमें भी अन्याय व अधर्म के विरुद्ध चक्र चलाना चाहिए । यह विचार अध्यक्ष - अपना ट्रस्ट के सीए. दिनेश चंद्र सनाढ्य ने काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहे । श्री हरि साहित्य सेवा संस्थान, राजसमंद के द्वारा " जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की बांसुरी व सुदर्शन चक्र" पर आधारित काव्य गोष्ठी रखी गई है ! मुख्य अतिथि शतायु साहित्यकार पीरदान चारण, विशिष्ट अतिथि साहित्यकार चतुर कोठारी व पर्यावरण विद् डॉक्टर लक्ष्मी नारायण आमेटा थे । इस काव्य गोष्ठी में 14 व्यक्तियों का सम्मान किया गया । "काव्य प्रणेता केसर सिंह बाहरठ सम्मान" गोविंद सिंह बाहरठ को, दलपत सिंह चारण को, प्रहलाद सिंह चारण को व ब्रजराज सिंह चारण को दिया गया । "पुष्पा कुँवर आशियानी सम्मान" सुखदेव सिंह चारण को, नीतू बापना को व महिपाल सिंह चारण को दिया गया । साहित्य और काव्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर श्री हरि साहित्य सेवा संस्थान द्वारा प्रशस्ति पत्र मुकेश शर्मा को, कल्पना सजवान को, हिम्मत सिंह राय को, गोविंद सनाढ्य को, डॉक्टर संपत लाल रेगर को, प्रमोद सनाढ्य को व गोविंद सिंह चौहान को देकर सम्मान किया गया । काव्य गोष्टी की शुरुआत रोशन लाल गर्ग द्वारा सरस्वती वंदना करके की । मुकेश शर्मा ने भ्रष्टाचार पर कटाक्ष करते हुए अपनी काव्य रचना सुनाई, रजनी पालीवाल ने मायड़ थारो पूत कठे ....... मोहनलाल गुर्जर ने राजसमंद झील पर .......... लेखराज मीणा ने विश्व को राह दिखने वाले जगतगुरु श्री कृष्ण पर...... तथा जरा फूलों से सजाओ गोकुल को मेरे कान्हा आने वाले हैं ........ तथा रामगोपाल आचार्य ने अलसाई संस्कृती में जान रहने दो, बस त्यौहार को तुम त्यौहार रहने दो....... रणजीतसिंह ने रक्षाबंधन पर कविता सुनाई । राजेंद्र सिंह चारण ने काव्य प्रणेता केसर सिंह जी बाहरठ के द्वारा राजसमंद में बनाए चारभुजा जी के 12 मंदिरों व 12 बावडियाँ व 12 - 12 बिघा जमीन की डोली मन्दिर संचालन हेतु दी । इसके संबंध में विस्तृत जानकारी दी तथा यह बताया कि किशोर नगर स्थित चारभुजा नाथ के मंदिर का निर्माण भी केसर सिंह जी द्वारा कराया गया तथा मंदिर के संचालन के लिए प्रत्येक मंदिर को 12 बीघा जमीन भी दी गई थी । आज हम जिस मंदिर में यह काव्य गोष्ठी कर रहे हैं वह मंदिर भी केसर सिंह जी द्वारा बनवाया गया । हमें खुशी है कि उनके वंशज गोविंद सिंह जी बाहरठ आज हमारे बीच उपस्थित हैं । प्रमोद सनाढ्य ने श्रीनाथजी और बृजवासियों पर छंद सुनते हुए बृजवासियों के सखा रूप को प्रस्तुत किया । चंद्रशेखर नारलाई ने राधे नाम ने सबको तारा, राधे नाम है सबसे प्यारा बोलो राधे राधे........ व गोपाल शर्मा ने यह रफ्तार नहीं रुकने दूंगा, मैं देश को नहीं झुकने दूंगा ......... नीतू बाफना ने भय के जो गर्भ से अभय अवतार हुआ, दुनिया में छाई देखो कैसी रोशनाई है......... पूरण शर्मा ने देशहित पूत आज काम आयो........ पीरदान चारण ने हम तो चाकर हैं वा चार हाथ वालों के......... रविनन्दन चारण ने आज मारे सोहन सूरज सोहन सूरज उगायो ........ यशवंत ने नजर भी लग गई ,उनकी बे नजरों से........हम बीमार हो गए ,अपनी ही नजरों से........ कुसुम कंवर राठौड़ ने, नरेंद्र चंचल ने, सूर्य प्रकाश दीक्षित ने राख में इश्क़ की चिंगारी खोजती होगी । ज़ख़्मी दिल की परते नोचती होगी .......... कमलेश जोशी ने, रामसहाय विजयवर्गीय ने , गोविंद सनाढ्य ने, चतुर कोठारी ने, कल्पना सजवान ने श्री कृष्ण, महाराणा प्रताप व प्रेम पर अपनी कविताएं सुनाएं । मंच संचालन पूरण शर्मा ने व धन्यवाद अध्यक्ष - श्री हरि साहित्य सेवा संस्थान के रविनंदन सिंह चारण ने ज्ञापित किया । सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(75) #09/09/23 #dineshapna





















































 

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