Wednesday 27 April 2022

★पूछता है एक बृजवासी - मठाधीश से★ ●क्यों 544 वर्षों से "वैशाख कृष्ण एकादशी" को केवल एक "अलोकिक दिवस" मनाते रहे ? ●जबकि वैशाख कृष्ण एकादशी को तीन "अलोकिक दिवस" है ! (१)श्रीवल्लभाचार्य जी के "प्राकट्य दिवस" ! (२)श्रीनाथजी के मुखारविंद का "प्राकट्य दिवस" ! (३)श्रीसद्दू पाण्डे जी का "प्रथम दर्शन दिवस" ! आज का दिन वि.स. १५३५ में वैशाख कृष्ण एकादशी को ◆"श्रीनाथजी के मुखारविंद का प्राकट्य" व ◆श्रीसद्दू पाण्डे जी का श्रीनाथजी को "प्रथम दर्शन" का अलोकिक दिवस है, किन्तु मठाधीश 544 वर्षों से केवल ◆श्री वल्लभाचार्य जी का प्राकट्य दिवस ही मनाते आये है ! आज हम 26/04/2022 से "एक" के स्थान पर "तीन" "अलोकिक दिवस" मनाना शुरु करें ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी (92) #26/04/22 #dineshapna











 

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