Friday 11 August 2017

हमने सोचा था दिल में ईमान बसा के चलते हो लेकिन अब लगता है पाकिस्तान बसा के चलते हो यही देश है जिसमें अज़हर कप्तानी कर जाता है इसी देश में ओवैसी भी मनमानी कर जाता है यही देश है खान बंधुओं को अपनापन देता है शुक्रवार को टॉकीज में जाकर अपना धन देता है देश जहाँ पे बौलिंग की शुरुआत शमी से होती है अय्यूब पंडित के मरने पे पूरी जनता रोती है देश जहाँ अशफाकउल्ला दिल से पूजे जाते है देश जहाँ अब्दुल हमीद भी परम वीरता पाते है देश जहाँ बिस्मिल्लाह की शहनाई बड़ी सुरीली है देश जहाँ ज़ाकिर के तबलों वाली थाप रंगीली है देश जहाँ पे सबसे अच्छे भजन रफ़ी ने गाए हैं यही देश है जहाँ सानिया ने सम्मान कमाए हैं इसी देश में तुमने वर्षों सत्ता का सुख पाया है इसी देश ने ही तुमको सर्वोच्च पदों पर लाया है लेकिन तुमने सदा देश की मर्यादा को तोड़ा है कुर्सी छूट गयी तो भाषण को मज़हब से जोड़ा है तुम ही थे जो वंदे मातरम् गाने से कतराते थे तुम ही थे जो देश के झंडे का सम्मान घटाते थे अपना उल्लू सीधा करके खुद का तो उत्थान किया तुम जैसे लोगों ने सच्चे मोमिन को बदनाम किया ढूंढ लो ज़र्रा ज़र्रा इतना मान नहीं मिल पाएगा जन्नत मिल जाएगी हिंदुस्तान नहीं मिल पाएगा जो "कलाम जी" जैसे होंगे सर पे उन्हें बिठाएंगे जो कसाब के जैसे होंगे फांसी उन्हें चढ़ाएंगे !


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