Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Thursday 27 June 2019
विश्व में अकेला ब्राह्मण ही चाहता है की आप के घर में शुभ कार्य होते रहे......... एक वकील ये आशा करता है की आप किसी मुसीबत में फसे........! एक डॉक्टर ये आशा करता है की आप बीमार हो ........! एक माकन मालिक ये आशा करता है की आप अपना घर ना खरीदे.......! एक दन्त चिकित्सक ये आशा करता है की आप के दाँत ख़राब हो........! एक यन्त्र विज्ञानी ये चाहता है की आप की गाड़ी ख़राब हो जाए......! एक पत्रकार ये उम्मीद करता है की कोई घटना घाट जाए........! परन्तु केवल एक ब्राह्मण ये उम्मीद करता है की आपके परिवार में कोई ना कोई शुभ कार्य होता रहे......! ब्राह्मण धन का भूखा नही, सम्मान का भूखा होता है । "ब्राह्मण" "ब्राह्मण" क्या है,,,,,? कौन है,,,,,,? भगवन कृष्ण ने क्या कहा है,,,,,,,? बनिया धन का भूखा होता है । क्षत्रिय दुश्मन के खून का प्यासा होता है । गरीब अन्न का भूखा होता है। पर ब्राह्मण,,,,,? ब्राह्मण केवल प्रेम और सम्मान का भूखा होता है । ब्राह्मण को सम्मान दे दो तो वो तुम्हारे लिए जान देने को तैयार हो जायेगा । अरे दुनिया वालो आजमाकर तो देख लो हमारी दोस्ती को । मुस्लमान अशफाक उल्लाखान हाथ बढ़ाता है, हम बिस्मिल बनकर गले लगा लेते है । क्षत्रिय चन्द्रगुप्त बनकर पैर छु लेता है, हम चाणक्य बनकर पूरा भारत जितवा देते है । सिख भगत सिंह बनकर हमारे पास आता है, हम चंद्रशेखर आजाद बनकर उसे बे ख़ौफ़ जीना सीखा देते है । कोई वैश्य गाँधी बनकर हमे गुरु मान लेता है, हम गोपाल कृष्ण गोखले बनकर उसे महात्मा बना देते है । और कोई शुद्र शबरी बनकर हमसे वर मांगती है, तो हम उसे भगवान से मिलवा देते है । अरे एक बार सम्मान तो देकर देखो हमे.......................फर्ज न अदा करे तो कहना जय जय राम ।। जय जय परशुराम ।। - पुराणों में कहा गया है - विप्राणां यत्र पूज्यंते रमन्ते तत्र देवता l अर्थात् जिस स्थान पर ब्राह्मणों का पूजन हो वहा देवता भी निवाश करते है अन्यथा ब्राह्मणों के सम्मान के बिना देवालय भी शून्य है । इसलिए ब्रह्मणातिक्रमो नास्ति विप्रा वेद विवजीरताः ।। श्री कृष्ण ने कहा है-- ब्राह्मण यदि वेद से हिन् भी तब पर भी उसका अपमान नही करना चाहिए । क्योंकि तुलसी का पत्ता क्या छोटा क्या बड़ा वह हर अवस्था में कल्याण ही करता है । ब्राह्मणोस्य मुखमासीद्............ वेदों ने कहा है ब्राह्मण विराट पुरुष भगवान के मुख में निवास करते है इनके मुख से निकले हर शब्द भगवान् का ही शब्द है, जैसा की स्वयं भगवान् ने कहा है की विप्र प्रसादात् धरणी धरोहम विप्र प्रसादात् कमला वरोहम विप्र प्रसादात् अजिता$जितोहम विप्र प्रसादात् मम् राम नामम् ।। अर्थात ब्राह्मणों के आशीर्वाद से ही मैंने धरती को धारण कर रखा है अन्यथा इतना भार कोई अन्य पुरुष कैसे उठा सकता है, इन्ही के आशीर्वाद से नारायण होकर मैंने लक्ष्मी को वरदान में प्राप्त किया है, इन्ही के आशीर्वाद से मैं हर युद्ध जित गया और ब्राह्मणों के आशीर्वाद से ही मेरा नाम "राम" अमर हुआ है, अतः ब्राह्मण सर्व पुज्यनीय है । ।।जय परशुराम ।। 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
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