Monday 23 September 2019

★आओ ! "अपनी मां" के साथ "धरती मां'" के लिए भी कुछ करें !★ ★पर्यावरण की रक्षा के साथ पैसा भी कमाये !★ ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● ★अमाजल महादेव बन सकता है पर्यटन स्थल­★ कुम्भलगढ़ ! कालिंजर पंचायत अपनी हरियाली के कारण व प्राकृतिक सुंदरता हेतु प्रख्यात है। परन्तु इन्ही अरावली की वादियों में स्थित अमाजल महादेव पर पर्यटन विकसित नहीं हो पा रहा है। क्योंकि आवागमन हेतु पर्याप्त सड़कों का विस्तार इसमें सबसे बड़ी बाधक है। ◆वर्तमान में बारह किलोमीटर दूर :- वर्तमान में अमाजल महादेव, सांयोकाखेड़ा से वाया कोयल होकर जाने पर करीब बारह किलोमीटर दूर है। जिसमें आने वाले पर्यटक वहां पहुंचने से कतराते हैं। ◆ऐसे मिल सकती है राहत :- कालिंजर पंचायत के लक्खाजी की भागल से ढाणी गाँव तक सड़क निर्माण हो जाती है तो दूरी 2 किलोमीटर ही रहती है। क्योंकि अमाजल महादेव में कई व्यक्ति दूर-दूर से आते हैं।परन्तु आवाजाही लम्बी होने में व्यक्ति दूर से ही निकल जाता है। ◆ग्रामीणों को भी मिल सकती है राहत :- लक्खाजी की भागल से ढाणी गाँव तक सड़क निर्माण होने से बाहरी आने जाने वाले ग्रामीणों कोभी रहत मिल सकेगी। क्योंकि वर्तमान में करीब 3-4 किलोमीटर का अनावश्यक चक्कर ख़त्म होकर जल्दी व्यक्ति नाथद्वारा तक पहुँच सकेंगे। ◆इस सड़क निर्माण से घाट सकती है तीन मंचायतों की दूरी :- गांव गुडा से राजसमंद आने हे तुकरी बवर्तमानमें 60 किलोमीटर है। जबकि लक्खाजी की भागल से ढाणी गाँव तक सड़क निर्माण होने से करीब 45 किलो मीटर में ही राजसमंद पहुंचा जा सकता है। इसी के साथ झालो की मदार, खेड़लिया, बड़गांव की पंचायतों में भी आसानी से पहुंचा जा सकता है ! ◆◆◆◆◆◆◆◆◆●●◆◆◆◆ ★कालिंजर पंचायत के ग्राम लक्खाजी की भागल स्थित पुराने पेयजल स्त्रोत का पुनरोद्धार कराने बाबत।★ कुम्भलगढ़ कालिंजर पंचायत के ग्राम लक्खाजी की भागल स्थित बारवाह का नाडा का पुनरोद्धार की आवश्यकता है। उक्त बारवाह का नाडा वर्तमान जीर्ण-शीर्ण होने के साथ-साथ पानी रिसकर गाँव की फसलों की बर्बादी कर रहा है। साथ ही बार वाह का नाडा में जल रिसाव के चलते क्षेत्र के पशु पक्षियों को भी पेयजल की समस्या उत्पन्न हो रही है। आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट के अध्यक्ष नान जी गुर्जर ने बताया की उक्त बारवाह का नाडा का निर्माण आज से 50 वर्ष पहले हुआ था। इसके निर्माण से लक्खाजी की भागल, मादरेचो का गुदा के आस पास के सभी कुँए व बावड़ियां वर्ष भर आबाद थे, इसके साथ ही पशु पक्षियों को पेयजल सुगमता से उपलब्ध होकर ग्रामीणों के खेत भी सिंचित होते थे। उक्त एनीकट की वर्तमान ऊंचाई दो मीटर है। जब कि पानी की आवक अधिक होने पर भी पानी बर्बाद हो रहा है। जबकि ग्रामीणों तथा संस्था अध्यक्ष ने बताया की उक्त तालाब की ऊंचाई बढाकर ग्रामीणों को राहत प्रदान की जा सकती है। उक्त तालाब के पुनरोद्धार हेतु सरकार तथा प्रशासन से अपील करते हैं की उचित समाधान किया जाना सुनिश्चित किया जा सकता है। ◆Nanji Bhai Gurjar President – Ashapura Manav Kalyan Trust ◆CA. Dinesh Sanadhya - Founder - Apna Trust ◆Devi Singh - उप संरपंच ◆अमित वर्मा - सामाजिक कार्यकर्ता 22/09/2019






































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