Saturday 25 September 2021

नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर का सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं ? जब हिन्दू धर्म/मन्दिरो पर चुप है व गलत को सहन कर रहा है तो मुगलों ने अत्याचार करके लूटा, अंग्रेजो ने 1843 से कानून बना कर लूटा व आजादी के बाद सरकार ने 1951 मे कानून बनाकर व संविधान विरुद्ध कार्य करके लूट रहे है ! किन्तु अब इस लूट को बन्द करें, लूट अब और नहीं ! "सरकार" द्वारा 1959 से नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर को संविधान विरुद्ध कानून बनाकर लूटा जा रहा है, तो अब बृजवासी सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं करे ? सामाजिक अंकेक्षण जरूरी है क्योंकि :- (१)नाथद्वारा मन्दिर के वैष्णवों की आस्था व धन के साथ धोखा हो रहा है ! (२)नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश को बृजवासियों से पृथक करके उन्हें धोखा दे रहे है ! (३)सरकार मे नेता, अधिकारी व हिन्दू विरोधी ताकतें है तो दूसरी ओर नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश अकेले है, इसलिए दबाव मे है व धोखा खा रहे है ! (४)सरकार द्वारा "संविधान विरुद्ध" मन्दिर पर नियंत्रण करके लूट रही है जिसमें नाथद्वारा मन्दिर भी शामिल है ! (५)नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश के पास एकमात्र रास्ता है कि वह श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा का पालन करते हुए बृजवासियों के मूल अधिकार दे तथा स्वयं को व मन्दिर को बचाये ! नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश से निवेदन है कि मन्दिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति के लिए बृजवासी को सामाजिक अंकेक्षण की अनुमति दे ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #25/09/2021. #dineshapna

























 

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