Sunday 26 September 2021

नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर का सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं ? भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है अर्थात् सरकार का धर्म मे हस्तक्षेप नहीं हो ! अतः सरकार द्वारा मस्जिद / चर्च मे कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है किन्तु केवल हिन्दू मन्दिरो मे हस्तक्षेप किया जा रहा है ! वर्तमान मे 4 लाख मन्दिरो पर सरकारी नियंत्रण है ! इसी क्रम मे "सरकार" द्वारा 1959 मे "नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर" को संविधान विरुद्ध कानून बनाकर "टेम्पल बोर्ड" बनाया व सरकारी नियंत्रण मे लिया, तो अब बृजवासी सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं करे ? सामाजिक अंकेक्षण जरूरी है क्योंकि :- (१)नाथद्वारा मन्दिर मण्डल कानून 1959 संविधान विरुद्ध है, तथा टेम्पल बोर्ड का गठन भी संविधान विरुद्ध है ! (२)सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिन्दू मन्दिरो का संचालन उनके भक्तों के द्वारा किया जाये, किन्तु सरकार कानून विरुद्ध हिन्दू मन्दिरो पर नियंत्रण कर रही है ! (३)संविधान की धारा 26 से 31 है, जिसे सरकार द्वारा केवल हिन्दू व हिन्दू मन्दिरो के विरूद्ध उपयोग करना गलत है ! (४)संविधान मे समानता का अधिकार है, किन्तु सरकार द्वारा हिन्दुओं के अधिकार सीमित करना गलत है ! (५)नाथद्वारा मन्दिर मण्डल का गठन संविधान, कानून व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध है ! नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश से निवेदन है कि मन्दिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति के लिए बृजवासी को सामाजिक अंकेक्षण की अनुमति दे ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #26/09/2021. #dineshapna





















 

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