Saturday 5 November 2022

★"अध्यात्म रामायण" से "हकीकत रामायण" - नवां दिन★ "अध्यात्म रामायण" से वाल्मीकि रामायण, तुलसी रामायण व "हकीकत रामायण" तक ! (1)हम "रामकथा" सुनते व सुनाते है किन्तु श्रीराम बनने के स्थान पर श्रीरावण के आचरण को अपना कर, उनके जैसा बनने (केवल धनपति बनने व अधर्म के कृत्य) का कार्य करते है और ईच्छा करते है कि "रामराज्य की स्थापना" हो ! (2)हम "भागवत कथा" सुनते व सुनाते है किन्तु श्रीकृष्ण व पाण्डव बनने के स्थान पर कौरवों के आचरण को अपना कर, उनके जैसा बनने (केवल धनपति बनने व अधर्म के कृत्य) का कार्य करते है और ईच्छा करते है कि "श्रीकृष्ण की प्राप्ति" हो ! (3)आजकल रामकथा / भागवत कथा सुनने वाले, सुनवाने वाले व सुनाने वाले अन्दर से "कुछ व बाहर से कुछ" है ! सभी को "धन या झूठी प्रतिष्ठा" ही चाहिए और उसके लिए भगवान के नाम का अपने स्वार्थ के लिए उपयोग भी करने से नहीं चूकते है ! (4)हम श्रीराम की "मर्यादाओं" की बात करते है किन्तु उनके "धनुष" को भूल जाते है ! हम श्रीकृष्ण की "बाँसुरी" की बात करते है किन्तु उनके "सुदर्शन चक्र" को भूल जाते है ! (5)आओ ! हम संकल्प करें कि श्रीराम / श्रीकृष्ण के गुणों के भण्डार मे से केवल एक गुण "अधर्म / असत्य के विरुद्ध युद्ध" को आत्मसात करें व श्रीशिव जी "विश्वास स्वरुपम्" को विश्वास दिलाये कि हम यह 906 वीं रामकथा को व्यावहारिकता मे आत्मसात करके, उसे पूर्ण सफल बनाये ! ■इति रामकथा विश्राम■ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिंदुस्तानी #(230) #06/11/22 #dineshapna











 

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