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Saturday 5 November 2022
★"अध्यात्म रामायण" से "हकीकत रामायण" - आठवां दिन★ "अध्यात्म रामायण" से वाल्मीकि रामायण, तुलसी रामायण व "हकीकत रामायण" तक ! (1)रामायण मे श्रीराम ने "सत्य, धर्म व करुणा" को जी कर बताया गया ! इसमे श्रीराम ने मर्यादा पालन के साथ "अधर्म / असत्य के विरुद्ध युद्ध" करके बताया ! इस प्रकार श्रीराम ने आदर्श व सद्गुणों को केवल उपदेश देकर ही नहीं बताया, बल्कि उसको जी कर दिखाया गया ! (2)वर्तमान मे रामकथा केवल बोलकर बताने के साथ, "श्रीराम के चरित्र को व्यावहारिकता मे जी कर" बताने की जरूरत है ! तब ही देश मे रामराज्य की स्थापना होगी ! (3) वर्तमान मे ●रामकथा कहने वाले, ●रामकथा कराने वाले व ●रामकथा सुनने वालों को चाहिए कि श्रीराम के अनेकों गुणों (सत्य, प्रेम, करुणा, मर्यादा आदि) को आत्मसात करने से पहले केवल एक गुण - "अधर्म / असत्य के विरुद्ध युद्ध" करना चाहिए ! यदि आप "अधर्म / असत्य के विरुद्ध युद्ध" नहीं कर सकते हो तो कम से कम उसके विरुद्ध बोलना तो होगा ! (4)यदि आप "अधर्म / असत्य के विरुद्ध युद्ध" नहीं करते हो तो क्या यह श्रीराम का अपमान नहीं है ? यदि यह रामकथा "विश्वास स्वरुपम्" के सानिध्य मे की जा रही है और हम श्रीराम को संकल्प के साथ आत्मसात नहीं करते है तो क्या यह श्रीशिव जी का भी अपमान नहीं है ? (5)आओ ! हम संकल्प करें कि श्रीराम के गुणों के भण्डार मे से केवल एक गुण "अधर्म / असत्य के विरुद्ध युद्ध" को आत्मसात करें व श्रीशिव जी "विश्वास स्वरुपम्" को विश्वास दिलाये कि हम यह 906 वीं रामकथा को व्यावहारिकता मे आत्मसात करके, पूर्ण सफल बनाये ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिंदुस्तानी #(229) #05/11/22 #dineshapna
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