Wednesday 11 November 2020

■ जागो वैष्णव - जागो बृजवासी - सच को जानो ■ ★★★ - श्रीनाथजी प्राकृट्य का गूढ़ रहस्य - ★★★ "श्रीनाथजी प्राकृट्य व प्रथम दर्शन"- श्रीसद्दू पाण्डे द्वारा ! "श्रीनाथजी से प्रथम मिलन" - श्रीवल्लभाचार्य जी द्वारा ! ◆◆◆◆◆◆>>>>>>>>>>>>>>>>>>>◆◆◆◆◆◆ ◆सन् 1409 (वि.सं 1466) - (श्रावण शुक्ल पंचमी - नागपंचमी) श्रीनाथजी का प्राकृट्य (उध्व भुजा) । (श्रीसद्दू पाण्डे - सनाढ्य द्वारा "प्रथम दर्शन" व बृजवासीयो द्वारा "प्रथम सेवा" कार्य) ◆सन् 1478 (वि.सं 1535) - (वैशाख कृष्ण एकादशी) श्रीनाथजी के मुखारविंद के दर्शन व श्रीवल्लभाचार्य जी का प्राकृट्य । (श्रीनाथजी के प्राकृट्य के 69 वर्ष बाद श्रीवल्लभाचार्य जी का जन्म) ◆सन् 1506 (वि.सं 1563) श्रीवल्लभाचार्य जी का श्रीसद्दू पाण्डे के घर आन्यौर पदार्पण व श्रीनाथजी से प्रथम मिलन । (97 वर्षों तक श्रीसद्दू पाण्डे व बृजवासीयो के द्वारा श्रीनाथजी की सेवा व पूजा की ।) (श्रीवल्लभाचार्य जी 28 वर्ष की उम्र मे बृज मे पधारे) ◆सन् 1519 (वि.सं 1576) - (वैशाख शुक्ल तीज - अक्षय तृतीया) श्रीनाथजी का जतिपुरा मन्दिर मे पाटोत्सव । (13 वर्षों मे श्रीनाथजी का जतिपुरा मे नया मन्दिर बना) ◆सन् 1530 (वि.सं 1587) - (आषाढ़ शुक्ल तीज, रविवार) श्रीवल्लभाचार्य जी का देवलोक गमन । (52 वर्ष की उम्र मे ) ◆सन् 1665 (वि.सं 1722) - (आश्विन शुक्ल १५, शुक्रवार) श्रीनाथजी का बृज से प्रस्थान । (श्रीनाथजी 256 वर्ष तक बृज मे विराजे) ◆सन् 1672 - 20 फरवरी (वि.सं 1729) - (फाल्गुन कृष्ण सप्तमी - शनिवार) श्रीनाथजी का नाथद्वारा मन्दिर मे पाटोत्सव । (श्रीनाथजी को बृज से मेवाड़ पधारने मे 32 माह का समय लगा) दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी - 11/11/2020 #dineshapna


 

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