Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Saturday 21 November 2020
★गोपाष्टमी की शुभकामनाएं व शुभ सन्देश !★ ■■द्वापरयुग मे इन्द्र को अहंकार था !■■ ■■कलयुग मे बोर्ड मैम्बर्स को अहंकार है !■■ 【【कार्तिक, शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा से सप्तमी तक गौ-गोप-गोपियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को धारण किया था। व 8वें दिन इन्द्र अहंकार रहित होकर भगवान की शरण में आये। कामधेनु ने श्रीकृष्ण का अभिषेक किया और उसी दिन से इनका नाम गोविन्द पड़ा। इसी समय से अष्टमी को गोपोष्टमी का पर्व मनाया जाने लगा, जो कि अब तक चला आ रहा है।●अब केवल गोपाष्टमी को मनाने के साथ, उसे सार्थक भी बनाना है !●】】 ◆इन्द्र अपने आप को देने वाला दाता समझने का अहंकार था, अपने आप को पूजाने का अहंकार था ! जब श्रीकृष्ण ने बृजवासियों को सत्य बताया कि तुमको असली देने वाला गोवर्धन है, अतः उनकी ही पूजा करनी चाहिए ! ◆उसी प्रकार वर्तमान मे बोर्ड मैम्बर्स को देने वाले दाता का अहंकार हो गया है, इसलिए वह मनमानी कर रहे है व श्रीनाथजी की सम्पत्तियो को लूटा रहे है व गौमाता व बृजवासियों को देने का अहसान जता रहे है ! जबकि सत्य यह है कि देने वाला श्रीनाथजी व उसमें सहायता करने वाला बृजवासी स्वयं ही है ! अतः केवल श्रीनाथजी की पूजा करनी चाहिए व जैसा श्रीनाथजी ने प्राकृट्य के समय श्रीसद्दू पाण्डे जी व बृजवासियों को स्वयं श्रीनाथजी ने सीधे आज्ञा देकर सेवा, पूजा व सुरक्षा का अधिकार दिया, उस अधिकार को पुनः बृजवासियों को अपने पास रखना होगा ! यह श्रीनाथजी की आज्ञा है ! आज गोपाष्टमी को उक्त श्रीनाथजी की आज्ञानुसार कार्य शुरू कर अगले साल की गोपाष्टमी तक बृजवासियों को अपने सभी अधिकार वापस लेकर बोर्ड मैम्बर्स के अहंकार का मर्दन करना है ! आओ ! श्रीनाथजी के 611 वर्ष पूर्व (सन् 1409 को) हुए प्राकृट्य व श्रीनाथजी की 542 वर्ष पूर्व (सन् 1478 को) दी गई आज्ञा का अक्षरश: पालन करें ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी - 22/11/2020 #गोपाष्टमी #dineshapna #जयश्रीकृष्ण
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