Friday 20 November 2020

बृजवासी बेरोजगार व परेशान क्यों ? जबकि श्रीजी के भण्डार की लूट क्यों ? श्रीकृष्ण / श्रीनाथजी का उपदेश अपने सखा के लिए ! उठो ! अर्जुन / बृजवासी सत्य, धर्म व न्याय के लिए ! आज से 348 वर्ष पूर्व श्रीनाथजी के साथ बृजवासी अपनी सम्पत्ति छोड़कर आये ..................उनके साथ वल्लभ कुल के सदस्य भी आये ! उस समय श्रीनाथजी के प्रति व एक दूसरे के प्रति समर्पण था तो सभी खुश व सभी के पास रोजगार था ! किन्तु बाद मे जैसे जैसे श्रीनाथजी का वैभव बढता गया तो कुछ लोगों का स्वार्थ भी बढ़ता गया । तब नियंत्रण बृजवासियों के हाथों से छिना जाने लगा व बृजवासियों की उपेक्षा कर अन्य व्यक्तियों को अनावश्यक महत्व दिया जाने लगा । जिसके कारण बृजवासियों की उपेक्षा की जाने लगी । आज से 61 वर्ष पूर्व बृजवासियों के हाथों से पूर्ण नियंत्रण हटाकर, अन्य व्यक्तियों के हाथों मे दिया गया ।जबसे ही बृजवासियों मे बेरोजगारी की समस्या धिरे धीरे बढ़ने लगी, जो आज विकराल रुप ले चुकी है । जबकि श्रीनाथजी के अटूट भण्डार मे आज भी धन, जमीन, सम्पत्ति व रोजगार के अवसर की कोई कमी नहीं है । केवल ईच्छा शक्ति की कमी है । ★★किन्तु आज भी समस्या का समाधान है !★★ आज एक बृजवासी दावे के साथ कह रहा है कि वर्तमान श्रीनाथजी के भण्डार (धन, जमीन, सम्पत्ति व रोजगार के अवसर) से सभी बृजवासियों को रोजगार दिया जा सकता है । इसके विपरीत बोर्ड मैम्बर्स की लापरवाही से श्रीनाथजी की करोड़ों की जमीनों को लुटाया जा रहा है व करोड़ों रुपये बबार्द किये जा रहे है ! ★★बृजवासियों को समझना है !★★ (१) बृजवासी के सखा श्रीनाथजी है ! (२) श्रीनाथजी बृजवासी के व बृजवासी श्रीनाथजी के है ! (३) बृजवासियों को श्रीनाथजी से कोई अलग नहीं कर सकता है ! (४) बृजवासियों को श्रीनाथजी की सम्पत्तियों की लूट / अपव्यय को रोकना होगा ! (५) श्रीकृष्ण / श्रीनाथजी ने अपने सखा अर्जुन / बृजवासी को धर्म व न्याय के लिए उठने के लिए कहा तो अर्जुन / बृजवासी को उठना है ! अपने सखा श्रीकृष्ण / श्रीनाथजी की बात / आज्ञा को मानना है ! सच्चाई व हकीकत जानने के लिए सम्पर्क करें ! www.dineshapna.blogspot.com shreeji24365@gmail.com सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी - 20/11/2020 #dineshapna Nathdwara, nathdwara_temple, nathdwara_live, nathdwara_darshan, nathdwara_news, my_nathdwara, shree nathji,































 

No comments:

Post a Comment