Saturday 13 January 2024

★ आओ ! लोट चले सनातन की ओर ! सनातनी लोग परेशान क्यों हुए व हो रहे है ? ★ (१) सनातन धर्म मे प्रेम, त्याग, समर्पण, शान्ति, दया, परोपकार, सत्य, सहयोग, संगठन, सह अस्तित्व व अहिंसा आदि को अपनाने तथा झूठ, अन्याय, दूसरों को कष्ट देना, स्वार्थ व धोखा देना आदि को नहीं अपनाने के बारे मे बताया गया ! किन्तु अधर्म, अन्याय व अशांति करने वालों के विरुद्ध हिंसा करना भी उचित बताया गया । इस सम्पूर्ण सनातन धर्म का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को अपने जीवन को सुख व शान्ति मय बनाने के लिए स्वयं मे सद्गुणों पूर्ण करने के साथ अन्य के साथ भी अच्छा व्यवहार करने पर ही हम सभी का जीवन सुख व शान्ति पूर्वक होगा ! इसके साथ ही ए्क शक्ति (भगवान) को आदर्श मानते हुए, समर्पण के साथ जीने का रास्ता बताया गया है ! (२) विश्व की जनता दो वर्गों मे विभक्त है - ●आमजन व ●खासजन ! आमजन स्वयं के लिए जीता है व खासजन को धन / श्रम देता है, जिसके बदले मे अपनी "सुरक्षा, सुविधा व रोजगार" पाने के लिए आश्रित रहते है ! ◆(i) "खासजन" (राजा / नेता / अधिकारी) से सुरक्षा व सुविधाओ के लिए "आमजन" से उक्त कार्यों के लिए टैक्स व फीस के रुप मे धन लेते है ! ◆(ii) खासजन (रोजगार के लिए व्यापारी/उद्योगपति) आमजन से उक्त कार्यों के लिए मुनाफा के रुप मे धन लेते है ! (३) इसलिए देश / देशवासियों की सुरक्षा व समृद्धि मे "खासजन" की ही जिम्मेदारी रहती है ! हमारा देश 1200 वर्षो से गुलाम रहा, जिसका मुख्य कारण कुछ खासजन की "गद्दारी, आपसी मतभेद, अंहकार व स्वार्थ" है ! अर्थात् सनातन धर्म का १००% ईमानदारी से पालन नहीं करना है ! जिसका भुगतान सभी "आमजन" को करना पड़ा व पड़ रहा है ! (४) इसके कुछ उदाहरण है :- (i) सनातन धर्म की पालना नहीं :- ●श्रीनाथजी मन्दिर, नाथद्वारा ●मुगलों की गुलामी ●अंग्रेजों की गुलामी ! ●काले अंग्रेजों की गुलामी आदि ! (ii) सनातन धर्म की कुछ पालना होने से (2014 से) :- ●देश व धर्म के लिए कार्य हो रहे है ! ●देशवासियों के हित मे कार्य कम हो रहे है ! अतः सनातन धर्म की १००% पालना होने पर ही देश व देशवासियों (आमजन) को फायदा होगा ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(117) #14/01/24 #dineshapna






















 

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