Saturday 20 January 2024

★ धर्म मे राजनीति न हो, किन्तु राजनीति मे धर्म चलेगा ! ★ ★ श्रीराम मन्दिर की सभी को बधाइयाँ ! सत्य व तथ्य ! ★ (●राजनीति मे धर्म हो ! ●जैसा धर्म होगा, वैसी राजनीति होगी ! ) (१) "राजनीति" (शासन करने की नीति) मे यदि कोई धर्म नहीं होगा, तो शासक निरंकुश होगा और व मनमानी करेगा ! जिससे प्रजा दु:खी होगी ! इसलिए आज कल लोकतंत्र मे शासन चलाने के लिए धर्म के स्थान पर "संविधान" होता है ! (२) "राजनीति" (शासन करने की नीति) मे यदि "सनातन धर्म" होगा, तो प्रजा सुखी व आनन्द मे ही होगी ! क्योंकि सनातन धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है जो बताता है कि स्वयं भी सुखी रहे वह दूसरे को भी सुखी रखे ! सनातन धर्म कहता है कि सभी धर्म के लोग सुखी, समृद्ध शाली होने के साथ निरोगी भी हो ! सनातन धर्म के साथ अन्य सभी धर्म भी सुखी रह सकते है, तो राजनीति मे सनातन धर्म सम्मलित होना चाहिए ! (३) "राजनीति" (शासन करने की नीति) मे आज से 1200 साल पूर्व मुगल आये, जिनका उद्देश्य लूट पाट करना व इस्लाम धर्म को भय / तलवार के बल पर बढ़ाना था ! इसलिए उस समय में आम जनता दु:खी व अत्याचार से पिडित थी ! इसलिए राजनीति मे ऐसा धर्म जनता के लिए सही नहीं है । (४) "राजनीति" (शासन करने की नीति) मे आज से 275 साल पूर्व अंग्रेज / ईसाई आये, तो उन्होंने धन / कानून से जनता पर राज किया ! इसके साथ ही अंग्रेजों ने भारतीयों के साथ अन्याय व अधर्म किया ! इसलिए राजनीति मे ऐसा धर्म जनता के लिए सही नहीं है । सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(121) #20/01/24 #dineshapna





 

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