Monday 21 February 2022

★नाथद्वारा मे यह कैसा विकास ?★ (१) नाथद्वारा मे त्रिनेत्र सर्किल पर तम्बाकू से स्वागत, नाथूवास चौराहा पर शराब की दुकान से स्वागत, बस स्टैण्ड पर विपरीत ट्राफिक से स्वागत ! (२) नाथूवास व सिंहाड़ तालाबों की जमीनों पर अतिक्रमण, वन विभाग व मन्दिर मण्डल की जमीनों पर अतिक्रमण ! (३) नाथूवास के प्रवेश स्थल पर पाँच वर्षों से खड्डे सही नहीं हुए, इसके विपरीत अन्य जगह रोड़ को तोड़कर पुनः रोड़ बनाकर जनता का पैसा बबार्द किया जा रहा है ! (४) पत्रकारों व गरीबों को नगरपालिका प्लोट नहीं दे सक रही है, इसके विपरीत विशेष व्यक्ति को 50 बीघा जमीन बाँट रही है ! नाथूवास चौराहा पर शराब की दुकान व खड्डे से स्वागत ! (५) नाथद्वारा मे "श्रीगोवर्धन स्कूल" की मजबूत, ऐतिहासिक व पुरा महत्व की बिल्डिंग को तोड़ा गया, जबकि उदयपुर मे "जगमन्दिर आईलैंड पैलेस" को सम्भाला व उससे करोड़ों रुपये कमाये जाते है ! (६) नाथद्वारा के जनप्रतिनिधि एक ओर 100 वर्ष पुरानी बिल्डिंग ("बड़ा बाजार व श्रीगोवर्धन स्कूल") को तोड़ने पर चुप व असहाय है, इसके विपरीत आज उदयपुर मे 100 वर्ष पुरानी "जगमन्दिर आईलैंड पैलेस" को देखने पधार रहे है ! (७) नाथद्वारा जनप्रतिनिधि लालबाग बस स्टैण्ड (45000 वर्गफिट / करोड़ों रुपये) को बबार्द करके, नया माँडल बस स्टैण्ड (20000 वर्गफिट) नगरपालिका द्वारा बनाने पर चुप क्यों ? (८) नाथद्वारा जनप्रतिनिधि मन्दिर मण्डल की करोड़ों रुपये की जमीनो को नगरपालिका व अन्य व्यक्तियो द्वारा लूटने पर चुप क्यों ? (९) "अतिक्रमण" करके उस पर किये गये निर्माण कार्यो को विकास बताने पर, जनप्रतिनिधि चुप क्यों ? (वन विभाग की जमीन पर, सिंहाड़/नाथूवास पर, नानीजी की बावड़ी पर, जल प्रवाह क्षैत्र पर, मन्दिर मण्डल की जमीन पर) (१०) "नियम विरुद्ध निर्माण व बिना पार्किंग के निर्माण" को विकास बताने पर भी, जनप्रतिनिधि चुप कयों ? (अधिकत्तर होटल व बहुमंजिला ईमारतें) (११) "जानलेवा ऐलीवेटेड व असुविधाजनक आईकोनिक गेट" के निर्माण को विकास बताने पर भी, जनप्रतिनिधि चुप क्यों ? (१२) "जमीन देकर किये गये विकास" व ऐतिहासिक/मजबूत "बिल्डिंग को तोड़कर किये गये जन विरोधी विकास" पर, जनप्रतिनिधि चुप क्यों ? (माँडल बस स्टैण्ड, आईकोनिक गेट, शिवमूर्ति, बड़ा बाजार स्कूल व श्रीगोवर्धन स्कूल) (१३) नाथद्वारा नगरपालिका का 99 करोड़ रुपये का बजट है किन्तु "हकीकत मे 50 % बजट" अनावश्यक निर्माण, सड़के तोड़ना, बनाना व फिर बनाने मे खर्च, कोबल स्टोन, टाईल्स व लेम्प पोस्टो पर अनावश्यक खर्च किया जा रहा है ! जनप्रतिनिधि बजट मिटिंग मे इन बिन्दुओ पर विचार क्यों नहीं करते है ? (१४) नगरपालिका की जमीनों पर "अतिक्रमण" हो रहे है, नगरपालिका मन्दिर की जमीन हड़प रही है, नियम विरुद्ध निर्माण हो रहे है व तालाबों पर अतिक्रमण हो रहे है, किन्तु जनप्रतिनिधि इन बिन्दुओ पर विचार क्यों नहीं करते है ? (१५) नगरपालिका के पास "आम जनता का पैसा" है, यह पैसा आम जनता के नाम पर खर्च किया जाता है, तो जनप्रतिनिधि "जनता की वाडँ समितियां" क्यों नहीं बनाते है ? (१६) जनप्रतिनिधि बजट मिटिंग मे आते है किन्तु बजट के खर्च की "समीक्षा मिटिंग" क्यों नहीं करते है ? नगरपालिका का आम जनता से "सामाजिक अंकेक्षण" क्यों नहीं कराते है ? सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #17-18-19-20/02/22 #dineshapna








 

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