Sunday 8 January 2023

◆अधिकार / लोक अधिकार / अधिकारो का दुरुपयोग !◆ ◆कर्तव्य / लोक कर्तव्य / कर्तव्यों की अवमानना !◆ (१)आम जन अपने कर्तव्य की पालना तो करते है किन्तु उनके अधिकारो का हनन हो रहा है ! (२)आम जन के अधिकारो का हनन नेता / सक्षम लोग / सरकारी अधिकारी करते है क्योंकि कुछ नेता / सक्षम लोग / सरकारी अधिकारी अपने कर्तव्यों की पालना पूर्ण रुप से नहीं कर रहे है ! (३)कुछ नेता अपने निजी स्वार्थ (वोट / नोट) के कारण, कुछ सक्षम लोग अति धन की लालसा के कारण व कुछ सरकारी अधिकारी नेताओं / सक्षम लोगों के दबाव या लापरवाही या भ्रष्टाचार के कारण आम जन के अधिकारो का हनन करते है ! (४)कुछ नेता / कुछ सक्षम लोग / कुछ सरकारी अधिकारी अपने कर्तव्यों की पालना नहीं करते है जिसके कारण आम जन के अधिकारो का हनन होता है और परेशानियों का सामना करना पडता है ! (५)आम जन को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए तीन विकल्प है ◆स्वयं विरोध करे ! ◆न्यायालय की शरण ले ! ◆अधिकार की रक्षा हेतु मंच या संगठन बनाये ! (६)इसमें सबसे आसान विकल्प मंच या संगठन बनाना है किन्तु कुछ मंच के अधिकारी अपने निजी स्वार्थ के कारण या दूसरों के सामने अच्छा दिखाने के कारण इन नेताओं/सक्षम लोगों/अधिकारियों से जनता को अधिकार पूर्ण रुप से नहीं दिला पाते है ! यह आम जन के साथ छल है ! (७)कटु सत्य यह है कि अधिकार भीख माँगने से नहीं मिलते है, इसके लिए नेताओं/सक्षम लोगों/अधिकारियों से लडना पडता है जो कार्य ज्यादातर मंच नहीं कर पाते है ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिंदुस्तानी #(250) #08/01/23 #dineshapna



 

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