Saturday 4 April 2020

★#कोरोना ने बताया :: उल्लंघन न करे #लक्ष्मण रेखा★ ★#ग्यारहवां दिन - #यथार्थ ज्ञान★ ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ (५१) #कोरोना का आना यह बताता है कि प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए ! प्रकृति (अति जीव हत्या) से छेड़छाड़ का यह एक उदाहरण मात्र है ! हमने प्रकृति की #लक्ष्मण रखा पार की ! (५२) #प्रकृति से छेड़छाड़ यह भी है :- पेडों को काटना, जल का अत्यधिक दोहन, अत्यधिक खनन, पहाड़ों को नष्ट करना आदी ! इसे रोकने की जरूरत है, नहीं तो #कोरोना जैसा और कोई "नया रोना" नहीं आ जाये ! यह प्रकृति की #लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन है ! (५३) #प्रकृति को नष्ट नहीं करे ! जैसे :- वायु प्रदूषण से, जल प्रदूषण से, ध्वनि प्रदूषण से, ग्लोबल वार्मिंग से आदी ! प्रकृति की #लक्ष्मण रेखा को समझे ! (५४) हम व्यक्ति की "प्रकृति प्रदत्त रोग प्रतिरोधक क्षमता" को भी नष्ट कर रहे है ! जैसे :- मिलावटी खाद्य पदार्थों से, मिलावटी दवाइयों से आदी ! कुछ लोग स्वार्थ व मुनाफे के लिए इन्सानियत की #लक्ष्मण रेखा पार कर चुके है ! (५५) इसलिए प्रकृति से #छेड़छाड़, #अति दोहन व #नष्ट न करें ! इसके साथ ही हम मुनाफाखोरों को सावधान करते है कि वह अति मुनाफे के लिए #मिलावट कर व्यक्ति की #रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम न करें ! ■शेष कल ........ 10 दिनो तक लगातार .......... #dineshapna मजबूरी मे बना, मजबूत यथार्थ ज्ञानी - 04/04/2020










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