Saturday 18 April 2020

★जयश्रीकृष्ण★★जयश्रीराम★ *प्राचीनकाल की महत्वपूर्ण पुस्तकें* 🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊 1-अष्टाध्यायी पाणिनी 2-रामायण वाल्मीकि 3-महाभारत वेदव्यास 4-अर्थशास्त्र चाणक्य 5-महाभाष्य पतंजलि 6-सत्सहसारिका सूत्र नागार्जुन 7-बुद्धचरित अश्वघोष 8-सौंदरानन्द अश्वघोष 9-महाविभाषाशास्त्र वसुमित्र 10- स्वप्नवासवदत्ता भास 11-कामसूत्र वात्स्यायन 12-कुमारसंभवम् कालिदास 13-अभिज्ञानशकुंतलम् कालिदास 14-विक्रमोउर्वशियां कालिदास 15-मेघदूत कालिदास 16-रघुवंशम् कालिदास 17-मालविकाग्निमित्रम् कालिदास 18-नाट्यशास्त्र भरतमुनि 19-देवीचंद्रगुप्तम विशाखदत्त 20-मृच्छकटिकम् शूद्रक 21-सूर्य सिद्धान्त आर्यभट्ट 22-वृहतसिंता बरामिहिर 23-पंचतंत्र विष्णु शर्मा 24-कथासरित्सागर सोमदेव 25-अभिधम्मकोश वसुबन्धु 26-मुद्राराक्षस विशाखदत्त 27-रावणवध भटिट 28-किरातार्जुनीयम् भारवि 29-दशकुमारचरितम् दंडी 30-हर्षचरित वाणभट्ट 31-कादंबरी वाणभट्ट 32-वासवदत्ता सुबंधु 33-नागानंद हर्षवधन 34-रत्नावली हर्षवर्धन 35-प्रियदर्शिका हर्षवर्धन 36-मालतीमाधव भवभूति 37-पृथ्वीराज विजय जयानक 38-कर्पूरमंजरी राजशेखर 39-काव्यमीमांसा राजशेखर 40-नवसहसांक चरित पदम् गुप्त 41-शब्दानुशासन राजभोज 42-वृहतकथामंजरी क्षेमेन्द्र 43-नैषधचरितम श्रीहर्ष 44-विक्रमांकदेवचरित बिल्हण 45-कुमारपालचरित हेमचन्द्र 46-गीतगोविन्द जयदेव 47-पृथ्वीराजरासो चंदरवरदाई 48-राजतरंगिणी कल्हण 49-रासमाला सोमेश्वर 50-शिशुपाल वध माघ 51-गौडवाहो वाकपति 52-रामचरित सन्ध्याकरनंदी 53-द्वयाश्रय काव्य हेमचन्द्र वेद-ज्ञान:- प्रश्न 1- वेद किसे कहते है? उत्तर- ईश्वरीय ज्ञान की पुस्तक को वेद कहते है। प्रश्न 2- वेद-ज्ञान किसने दिया? उत्तर- ईश्वर ने दिया। प्रश्न 3- ईश्वर ने वेद-ज्ञान कब दिया? उत्तर- ईश्वर ने सृष्टि के आरंभ में वेद-ज्ञान दिया। प्रश्न 4- ईश्वर ने वेद ज्ञान क्यों दिया? उत्तर- मनुष्य-मात्र के कल्याण के लिए। प्रश्न 5- वेद कितने है? उत्तर- चार :- 1-ऋग्वेद 2-यजुर्वेद 3-सामवेद 4-अथर्ववेद प्रश्न 6- वेदों के ब्राह्मण? उत्तर- (वेद) (ब्राह्मण) 1. ऋग्वेद - ऐतरेय 2. यजुर्वेद - शतपथ 3. सामवेद - तांड्य 4. अथर्ववेद - गोपथ प्रश्न 7- वेदों के उपवेद कितने है? उत्तर- चार :- (वेद) (उपवेद) 1. ऋग्वेद - आयुर्वेद 2. यजुर्वेद - धनुर्वेद 3. सामवेद - गंधर्ववेद 4. अथर्ववेद - अर्थवेद प्रश्न 8- वेदों के कितने अंग है? उत्तर- छह :- 1. शिक्षा 2. कल्प 3. निरूक्त 4. व्याकरण 5. छंद 6. ज्योतिष प्रश्न 9- वेदों का ज्ञान ईश्वर ने किन किन ऋषियों को दिया? उत्तर- चार ऋषियों को :- (वेद) (ऋषि) 1. ऋग्वेद - अग्नि 2. यजुर्वेद - वायु 3. सामवेद - आदित्य 4. अथर्ववेद - अंगिरा प्रश्न 10- वेदों का ज्ञान ईश्वर ने ऋषियों को कैसे दिया? उत्तर- समाधि की अवस्था में। प्रश्न 11- वेदों में कैसे ज्ञान है? उत्तर- सब सत्य विद्याओं का ज्ञान-विज्ञान। प्रश्न 12- वेदो के विषय कौन-कौन से हैं? उत्तर- चार :- (ऋषि) (विषय) 1. ऋग्वेद - ज्ञान 2. यजुर्वेद - कर्म 3. सामवे - उपासना 4. अथर्ववेद - विज्ञान प्रश्न 13- वेदों में? उत्तर- ऋग्वेद में :- 1. मंडल - 10 2. अष्टक - 08 3. सूक्त - 1028 4. अनुवाक - 85 5. ऋचाएं - 10589 यजुर्वेद में- 1. अध्याय - 40 2. मंत्र - 1975 सामवेद में- 1. आरचिक - 06 2. अध्याय - 06 3. ऋचाएं - 1875 अथर्ववेद में- 1. कांड - 20 2. सूक्त - 731 3. मंत्र - 5977 प्रश्न 14- वेद पढ़ने का अधिकार किसको है? उत्तर- मनुष्य-मात्र को वेद पढ़ने का अधिकार है। प्रश्न 15- क्या वेदों में मूर्तिपूजा का विधान है? उत्तर- बिलकुल भी नहीं। प्रश्न 16- क्या वेदों में अवतारवाद का प्रमाण है? उत्तर- नहीं। प्रश्न 17- सबसे बड़ा वेद कौन-सा है? उत्तर- ऋग्वेद। प्रश्न 18- वेदों की उत्पत्ति कब हुई? उत्तर- वेदो की उत्पत्ति सृष्टि के आदि से परमात्मा द्वारा हुई, अर्थात 1 अरब 96 करोड़ 8 लाख 43 हजार वर्ष पूर्व। प्रश्न 19- वेद-ज्ञान के सहायक दर्शन-शास्त्र (उपअंग) कितने हैं और उनके लेखकों का क्या नाम है? उत्तर- 1. न्याय दर्शन - गौतम मुनि। 2. वैशेषिक दर्शन - कणाद मुनि। 3. योगदर्शन - पतंजलि मुनि। 4. मीमांसा दर्शन - जैमिनी मुनि। 5. सांख्य दर्शन - कपिल मुनि। 6. वेदांत दर्शन - व्यास मुनि। प्रश्न 20- शास्त्रों के विषय क्या है? उत्तर- आत्मा, परमात्मा, प्रकृति, जगत की उत्पत्ति, मुक्ति अर्थात सब प्रकार का भौतिक व आध्यात्मिक ज्ञान-विज्ञान आदि। प्रश्न 21- प्रामाणिक उपनिषदे कितनी है? उत्तर- केवल ग्यारह। प्रश्न 22- उपनिषदों के नाम बतावे? उत्तर- 01. ईश (ईशावास्य) 02. केन 03. कठ 04. प्रश्न 05. मुंडक 06. मांडू 07. ऐतरेय 08. तैत्तिरीय 09. छांदोग्य 10. वृहदारण्यक 11. श्वेताश्वतर प्रश्न 23- उपनिषदों के विषय कहाँ से लिए गए है? उत्तर- वेदों से। प्रश्न24- चार वर्ण? उत्तर- 1. ब्राह्मण 2. क्षत्रिय 3. वैश्य 4. शूद्र प्रश्न 25- चार युग? उत्तर- 1. सतयुग - 17,28000 वर्षों का नाम (सतयुग) रखा है। 2. त्रेतायुग - 12,96000 वर्षों का नाम (त्रेतायुग) रखा है। 3. द्वापरयुग - 8,64000 वर्षों का नाम है। 4. कलयुग - 4,32000 वर्षों का नाम है। कलयुग के 4,976 वर्षों का भोग हो चुका है अभी तक 4,27024 वर्षों का भोग होना है। पंच महायज्ञ― 1- ब्रह्मयज्ञ 2- देवयज्ञ 3- पितृयज्ञ 4- बलिवैश्वदेवयज्ञ 5- अतिथियज्ञ स्वर्ग - जहाँ सुख है नरक - जहाँ दुःख है *सनातन जयतु : : जय मां भारती* 🕉🐚⚔🚩🌞🇮🇳⚔🌷🙏🏻


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