Friday 25 December 2020

हमने 25 दिसम्बर को "ज्ञान" बाँटकर, जीने की कला दी ! कोई 25 दिसम्बर को "गिफ्ट" बाँटकर, क्या दे रहा है ? 25 दिसंबर को गीता जयंती है । गीता जयन्ती की शुभकामनाएं ! ब्रह्मपुराण के अनुसार, द्वापर युग में मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को श्रीकृष्ण ने इसी दिन गीता का उपदेश दिया था । गीता का उपदेश मोह का क्षय करने के लिए है, इसीलिए एकादशी को मोक्षदा कहा गया। गीता जयंती के दिन मोक्षदा एकादशी भी है। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मित्र अर्जुन के मन में महाभारत के युद्ध के दौरान पैदा होने वाले भ्रम को दूर करते हुए जीवन को सुखी और सफल बनाने के लिए उपदेश दिए थे। धर्म और कर्म के महत्व को बताते हुए भगवान कृष्ण के इन उपदेशों को गीता में संग्रहित किया गया। महाभारत युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने जो उपदेश अर्जुन के मन में धर्म और कर्म को लेकर पैदा हुई दुविधा को दूर किया था, वही आज मनुष्य के तमाम समस्याओं के समाधान और सफल जीवन जीने की कला के रूप में गीता के उपदेशों में समाहित है। (१) निष्काम कर्म :- कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन ! मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि !! ★(द्वितीय अध्याय, श्लोक 47)★ अर्थ : - कर्म पर ही तुम्हारा अधिकार है, कर्म के फलों में कभी नहीं............................ इसलिए कर्म को फल के लिए मत करो । कर्तव्य-कर्म करने में ही तेरा अधिकार है फलों में कभी नहीं । अतः तू कर्मफल का हेतु भी मत बन और तेरी अकर्मण्यता में भी आसक्ति न हो । (२) अकर्मण्य न बने :- हतो वा प्राप्यसि स्वर्गम्, जित्वा वा भोक्ष्यसे महिम् ! तस्मात् उत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चय: !! ★(द्वितीय अध्याय, श्लोक 37)★ अर्थ :- यदि तुम (अर्जुन) युद्ध में वीरगति को प्राप्त होते हो, तो तुम्हें स्वर्ग मिलेगा और यदि विजयी होते हो तो धरती का सुख पा जाओगे........................ इसलिए उठो, हे कौन्तेय (अर्जुन), और निश्चय करके युद्ध करो । ★★श्रीकृष्ण का सन्देश★★ धर्म और कर्म के महत्व को बताते हुए मनुष्य के तमाम समस्याओं के समाधान और सफल जीवन जीने की कला के रूप में गीता के उपदेशों में समाहित है । ★★एक हिन्दुस्तानी का सन्देश★★ आज 5132 वर्ष बाद श्रीकृष्ण के धर्म व कर्म के सन्देश को आत्मसात करने की आवश्यकता है ! (१) हिन्दू ही हिन्दू धर्म के दुश्मन है ! (२) धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिन्दू धर्म व हिन्दू मन्दिरों के साथ लूट की जा रही है ! (३) हिन्दू दे प्रेम व सम्मान, तो इसके विपरीत सरकार दे धोखा व धन की लूट ! (४) सरकार व अधिकारी संविधान का उल्लंघन कर हिन्दुओं पर अत्याचार कर रही है ! (५) हिन्दू अब मौन व अन्याय नहीं सहे ! आवाज उठाये ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी 25/12/2020 #dineshapna






 

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