Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Tuesday 8 December 2020
★★नाथद्वारा मन्दिर मे सरकारी हस्तक्षेप संविधान के विरुद्ध★★ भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है जिसमे संविधान के अनुसार देश / राज्य के संचालन मे धर्म का हस्तक्षेप नहीं हो सकता है ! तो सरकार को भी देश / राज्य का धार्मिक संस्थाओं मे सरकारी हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए ! सरकार एक धर्म की धार्मिक संस्थाओं मे हस्तक्षेप नहीं करके धर्मनिरपेक्षता का पालन कर रही है किन्तु इसके विपरीत बड़े धर्म की हिन्दू संस्थाओं पर जबरदस्ती सरकारी हस्तक्षेप करके सरकार द्वारा धर्म मे हस्तक्षेप करना धर्मनिरपेक्षता के विधान के विरुद्ध है ! जबकि किसी भी धर्मनिरपेक्ष देश मे सभी धर्मों के लोगों के लिए कानून व सरकारी नीति समान होती है ! इसके विपरीत भारत मे हिन्दू मन्दिरों मे सरकारी हस्तक्षेप व मस्जिदों मे सरकारी हस्तक्षेप नहीं करना धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन है ! जब सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या की धार्मिक संस्थाओं (मस्जिद ट्रस्ट) मे सरकारी हस्तक्षेप से इनकार किया जो धर्मनिरपेक्षता के विधान का पालन किया । तो सरकार ने श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट, अयोध्या व नाथद्वारा मन्दिर मण्डल व अन्य हजारों मन्दिरों मे सरकारी हस्तक्षेप करना गलत है ! अतः सरकार को कानून व संविधान की धर्मनिरपेक्षता के विधान की पालना पूर्ण ईमानदारी से करनी चाहिए ! यह विचार दिनेश सनाढ्य ने भारत व धर्मनिरपेक्षता विषय पर आयोजित संगोष्ठी मे व्यक्त किये ! इस संगोष्ठी मे अमित वर्मा, मनीष कुमार सैन, भरत कुमावत, धर्मेंद्र पालीवाल, पप्पू लाल कीर, हेमान्स, योगेश आदि उपस्थित थे !
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