Tuesday 4 July 2023

★हिन्दू मन्दिरों पर सरकारी नियंत्रण का असर !★ ★श्रृद्धालुओं के साथ लूट व आस्था पर चोट !★ (१) श्रीनाथजी का मन्दिर पुष्टि सम्प्रदाय की प्रधान पीठ है जिसमें ●"निस्वार्थ प्रेम", ●"आत्मसमर्पण", ●"प्रभु का अनुग्रह" व ●प्रभु के "दर्शन मात्र की अभिलाषा" होती है ! (२ ) इस सभी मे प्रभु व वैष्णव (भक्त) के बीच धन का कोई स्थान नहीं होता है क्योंकि वैष्णव (भक्त) पहले से ही अपना सब कुछ प्रभु को "आत्मसमर्पण" कर चुका होता है ! (३) इसके विपरीत सरकारी अधिकारी के द्वारा श्रीनाथजी के समर्पण भाव से दर्शन कराने के स्थान पर 350/- रु. लेकर दर्शन कराना पुष्टिमार्ग की परम्पराओं के विपरीत है ! यह मन्दिर के स्थान पर "श्रीनाथजी की हवेली" है जिसमें उनके भक्त बिना धन के मिलने का हक रखते है ! श्रीनाथजी को धन की कोई आवश्यकता नहीं है तो क्यों वैष्णवों से दर्शन के नाम पर 25 करोड़ रुपये लूटे जा रहे है ? (४) जब 350 वर्षों से श्रीनाथजी के दर्शन वैष्णवों से 350/- रुपए लिए बिना ही काम चल रहा था तो अभी वैष्णवों से दर्शन के नाम पर 25 करोड़ रुपए क्यों लूटे जा रहे है ? क्या यह लूट पुराने भवनों को तोड़कर, नये भवन बनाने मे व्यर्थ खर्च करने हेतु की जा रही है ? सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(37) #04/07/23 #dineshapna



 

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