Tuesday 18 July 2023

★समाज की शक्ति / धर्म की शक्ति ●V/S● सक्षम की शक्ति / कुर्सी की शक्ति !★ (१) हमें ब्राह्मण "समाज की एकता" के लिए धर्म / समाजसेवा के नाम पर एकजुट होने की बात की जाती है, किन्तु हकीकत मे हमें खण्ड़ - खण्ड़ किया जा रहा है जैसे :- ब्रह्म शक्ति, विप्र फाऊंडेशन, सर्व ब्राह्मण समाज आदि कई ब्राह्मण संगठन है तो इस प्रकार कैसे "ब्राह्मणों मे एकता" सम्भव है ! (२) जब हम ब्राह्मण, राजपूत, गुर्जर, माहेश्वरी, जैन, सिख, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जनजाति आदि अनेक सामाजिक संगठनों मे बँटे हुए है तो कैसे "हिन्दू समाज मे एकता" सम्भव है ? (३) हिन्दुओं के अन्य सामाजिक / धार्मिक संगठनों का निर्माण / आयोजन के पिछे का छुपा हुआ उद्देश्य "वोट" है जो सक्षम लोगों / नेताओं के द्वारा पोषित "केवल कुर्सी के" लिए है, किन्तु बताया जाता है उक्त संगठनों का गठन समाज के हितों की रक्षा के लिए बनाए गये ? (४) हकीकत मे हमें जातियों के अधिकारो की रक्षा करने से पहले हिन्दू विरोधी 30 काले कानूनो को हटाने की जरूरत है ! क्योंकि यदि हम 4 लाख हिन्दू मन्दिरो को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराते है तो उस धन व सम्पत्तियों से सभी समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है ! हिन्दू विरोधी कानूनों मे से तीन मुख्य कानून है - ◆ हिन्दू धर्म दान एक्ट, 1951 ◆ पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 ◆ हिन्दू धार्मिक बंदोबस्ती अधिनियम, 1927. ......................... (५) अतः हमें छोटे - छोटे सामाजिक संगठनों मे बँटकर अपनी - अपनी जातियों की समस्याओं के लिए लड़ने से पूर्व हमें सभी सामाजिक संगठनों को मिलकर एकता बतानी चाहिए व सभी का एक ही उद्देश्य होना चाहिए कि ◆"हिन्दू विरोधी 30 काले कानूनो को हटाये"◆ ! उक्त केवल एकमात्र उद्देश्य रखने पर ही हिन्दुओं मे एकता होगी, जिससे हमारी सभी समस्याओं का समाधान होगा ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक आम आदमी #(45) #18/07/23 #dineshapna



 

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