Wednesday 19 October 2022

विश्वास स्वरुपम् का लोकर्पण है, तो विश्वास जीते ! जनता का विश्वास व श्रीनाथजी का विश्वास जीते ! शिव जी की विशाल मूर्ति बनाने के लिए दिल से धन्यवाद ! (१)शिव जी का नाम "विश्वास स्वरुपम्" रखा है और उसे लोगों को अर्पण कर रहे है तो आम आदमी/श्रीनाथजी को भी यह जानने को हक है कि कहीं उनके विश्वास के साथ कोई विश्वासघात तो नहीं हो रहा है ! (२)नगरपालिका, नाथद्वारा ने जनहित मे शिवमूर्ति के लिए आम जनता की 25 बिघा जमीन लीज पर 30 वर्ष के बाद पुनः जनता को देने की शर्त पर दी थी, किन्तु उसकी अवधि 99 वर्ष बढ़वाई गई ! तो क्या यह जनता के साथ विश्वासघात नहीं है ? (३)एलिवेटेड पुल के नीचे की जमीन सड़क व पार्किंग के लिए ही उपयोग मे लेनी चाहिए, अतः यदि उस पर जनहित के विरुद्ध जबरदस्ती गाडँन बनाया जाता है ! तो क्या यह जनता के साथ विश्वासघात नहीं है ? (४)मन्दिर के द्वारा हाई स्कूल की जमीन व बिल्डिंग शिक्षा के लिए दी तथा जो आज भी मजबूत व उपयोगी होने के बावजूद किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए उसे तोड़कर, पुनः बनाना धन की बबार्दी है ! तो क्या यह जनता के साथ विश्वासघात नहीं है ? (५)आम जनता के साथ हो रहे विश्वासघात को रोकने की जिम्मेदारी बोर्ड सदस्य / स्थानीय बोर्ड सदस्य / मठाधीश / निष्पादन अधिकारी / कलेक्टर / विधायक की है ! तो क्या उक्त व्यक्तियो को आम जनता के विश्वास को बनाये रखने के लिए प्रयास नहीं करना चाहिए ? सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(215) #19/10/22 #dineshapna


 

No comments:

Post a Comment