Friday 17 February 2023

●शिवरात्रि की शुभकामनाएं ! - शिव ने विषपान किया !● ●हमें भी हिन्दू राष्ट्र बनाकर, - सनातन से जोड़ना होगा !● (१)2300 वर्ष पूर्व सनातन धर्म ही था, जिसके कारण विश्व मे आनन्द, शान्ति व सन्तुष्टि थी किन्तु बाद मे कुछ विद्वानों/विचारकों ने "आनन्द, शान्ति व सन्तुष्टि" के लिए नये - नये सम्प्रदाय/पंथ/मजहब की स्थापना की ! इसके बावजूद भी विश्व मे "आनन्द, शान्ति व सन्तुष्टि" की पूर्ण स्थापना नहीं हो सकी, इसके विपरीत आपसी वैमनस्य, अशांति व असन्तुष्टि व्याप्त हो रही है ! (२)इसके बाद संविधान व देश को धर्म/पंथ निरपेक्ष बनाकर देश मे "आनन्द, शान्ति व सन्तुष्टि" लाने का एक और प्रयास किया, जो भी पूर्ण सफल नहीं रहा ! (३)क्योंकि हमारे ऋषि मुनियों को मालूम था कि "आनन्द, शान्ति व सन्तुष्टि" बाहर से (सम्प्रदाय/पंथ/मजहब/संविधान) थोपने का विषय नहीं है ! यह प्रत्येक व्यक्ति के अन्दर से जागृत करने का विषय है ! जो केवल सनातन को अपनाने से ही सम्भव है ! (४)श्रीकृष्ण ने भी गीता मे कहा कि ।। अधुना तु ईश्वरः सर्वभूतानां हृद्देशे तिष्ठति तमेव सर्वभावेन शरणं गच्छेति यदुक्तं तद्विवृणोति -- सर्वधर्मान्प्ररित्यज्येति ।।18.66।। अर्थात् सब धर्मों का परित्याग करके तुम एक मेरी ही शरण में आओ, मैं तुम्हें समस्त पापों से मुक्त कर दूँगा, तुम शोक मत करो । (५)अतः विश्व कल्याण व सभी को "आनन्द, शान्ति व सन्तुष्टि" हेतु विश्व को सनातन अपनाना होगा ! इसके पूर्व सभी के कल्याण हेतु भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना ही होगा ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(274) #18/02/23 #dineshapna








 

No comments:

Post a Comment