Wednesday 21 April 2021

■मन्दिर बचाना है तो स्वयं को ही कुछ करना होगा!■ ■मन्दिर बचाना है तो श्रीकृष्ण बनो !■ ★सबसे पहले हिन्दू मन्दिरों को लूटा हथियारों से - मुगलों ने ! ★उसके बाद हिन्दू मन्दिरों को लूटा धोखे से - ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने ! ★उसके बाद हिन्दू मन्दिरों को लूटा कानून से - ब्रिटिश सरकार ने ! ★अब हमारे वोटों से हिन्दू मन्दिरो को लूटा कानून से - कांग्रेस सरकार ने ! क्योंकि हम एकजुट नहीं है ! हमने अपने धर्म से ऊपर अपना निजी स्वार्थ माना ! हमने दुश्मनों पर विश्वास करने की गलती की ! ★हम श्रीकृष्ण को भूल गये !★ ★हमने श्रीकृष्ण के गुणों को अपनाया नहीं !★ ★श्रीकृष्ण ने धर्म / न्याय के लिए अपने मामा कंस से भी युद्ध किया किन्तु अपनो को एकजुट रखा ! ★श्रीकृष्ण ने धर्म / न्याय के लिए अपने परिजनों, गुरु व भाईयों से भी युद्ध किया जिससे धर्म की रक्षा हुई ! अब हमें श्रीकृष्ण बनना होगा :- १-हमें हथियार उठाना होगा - कानून का ! २-हमे एकजुट करना होगा - सभी हिन्दू भाईयों को ! ३-हमें लड़ना होगा - अपनी सरकार व अपने सेक्यूलर भाईयों से ! ४-हमें समस्या /शत्रुओं को समाप्त करना होगा - जड़ से व शीघ्रता से ! ◆◆◆◆◆◆◆【2】◆◆◆◆◆●◆ ★मन्दिर बचाना है तो श्रीकृष्ण बनो !★ श्रीकृष्ण ने सबसे पहले गोकुल के दूध, दही व माखन के कंस के पास मथुरा जाने का विरोध किया और कहा कि इस पर पहले गोकुलवासीयों का अधिकार है ! क्योंकि हमें सबसे पहले अपने संसाधनों से दुश्मनों के पोषण को रोकना है ! इसलिए हमें सर्वप्रथम हिन्दू मन्दिरो को सरकारी नियन्त्रण से मुक्त कराना होगा ! क्योंकि धर्मनिरपेक्ष देश मे सरकार का धर्म मे हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए ! मन्दिरों मे दान व्यक्ति धर्म / भगवान के कार्य करने हेतु ही देता है, किसी सरकार को चलाने के लिए नहीं ! सरकार चलाने के लिए जनता टैक्स देती है ! नाथद्वारा मन्दिर की बात भी इसी प्रकार की है :- (१)महाराणा जी व वैष्णवों ने जमीन / धन दिया व दे रहे है केवल श्रीनाथजी के लिए ! तो उस जमीन का विक्रय व धन का दुरुपयोग गलत है ! (२)श्रीनाथजी के सखा है बृजवासी ! किन्तु सरकार व बाहरी लोग जमीन/धन लूट रहे है, जो गलत है ! अब हम बृजवासियों को श्रीकृष्ण बनना होगा :- (१)हमें दूध, दही व मक्खन के बाहर जाने से रोकना है ! (२)हमें कंस से मुक्ति पानी है ! (३)हमें जो श्रीकृष्ण ने किया है, वहीं करना है ! (४)हमें श्रीकृष्ण की तरह कार्य करके ही सेवा करनी है ! ◆◆◆◆◆◆◆【3】◆◆◆◆◆●◆ ■मन्दिर बचाना है तो श्रीकृष्ण बनो !■ श्रीकृष्ण ने कभी ◆ अपने अधिकार छोड़ने के लिए नहीं कहा ! ◆ अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए युद्ध करना प्रथम विकल्प भी नहीं कहा ! उन्होंने ◆ अधिकार के लिए नहीं, धर्म की रक्षा के लिए अन्तिम विकल्प युद्ध के लिए कहा ! उन्होंने ◆ आधे राज्य के अधिकार के स्थान पर पाँच गाँवो मे भी सन्तोष किया किन्तु जब इसके लिए भी मना किया तो "धर्म युद्ध" किया ! हमे भी कभी ◆ अपने अधिकार (मन्दिर बचाने) को नहीं छोड़ना है ! ◆ अपने अधिकारों (मन्दिर बचाने) को प्राप्त करने के लिए युद्ध करना प्रथम विकल्प भी नहीं होना चाहिए !हमें ◆ अधिकार के लिए नहीं, धर्म (मन्दिरो) की रक्षा के लिए अन्तिम विकल्प युद्ध (कानूनी तरह से) करना हैं ! हमें ◆ आधे राज्य के अधिकार के स्थान पर पाँच गाँवो (केवल हमारे विधमान मन्दिरों) मे भी सन्तोष है, किन्तु जब इसके लिए भी मना करेंगे तो "धर्म युद्ध" होगा ! इसी तरह हम बृजवासियों को श्रीनाथजी का मन्दिर बचाना है ! ◆ हमारा श्रीनाथजी मन्दिर मे सेवा व सुरक्षा हेतु आधा अधिकार है ! ◆ वर्तमान मे हमें अधिकार के स्थान पर केवल सेवक बना दिया है ! ◆ हम अपने आधे अधिकार के स्थान पर केवल पाँच गाँव (सामाजिक अंकेक्षण व निर्णय मे सहभागिता) ही माँग रहे है ! ◆यदि ऐसा नहीं हुआ तो "धर्म युद्ध" होगा ! 【अब हमें देश के हिन्दू मन्दिरो को बचाना है, जिसकी शुरुआत श्रीनाथजी मन्दिर से करनी है ! हमे "धर्म युद्ध" के लिए तैयार रहना है !】 ◆◆◆◆◆◆◆【4】◆◆◆◆◆●◆ ★मन्दिर बचाना है तो श्रीकृष्ण बनो !★ हम सद्गुणों को अपनाये, किन्तु श्रीकृष्ण बनकर :- (१)क्षमा :- हम सभी को व हमेशा क्षमा करते रहते है और बाद मे नुकसान उठाते है, जो गलत है ! श्रीकृष्ण अपनो (शिशुपाल) की 100 गलतियों को माफ किया, उसके बाद नहीं ! दूसरों की भूलवश गलती को माफ की, जानबूझ कर की गई, गलती को नहीं ! (२)सम्मान :- हमें बड़ों का व धर्म नीति का हमेशा सम्मान करना चाहिए किन्तु यदि वह अन्याय पर हो तो विरोध भी करना चाहिए ! श्रीकृष्ण ने पितामह व गुरु द्रोणाचार्य का सम्मान किया व स्वयं धर्मनीति पर चले किन्तु जब उन्होंने अन्याय का साथ दिया तो युद्ध भी किया व अनीति का भी प्रयोग किया ! (३)अहिंसा :- हम सभी के साथ व हमेशा अहिंसा का पालन करते है और बाद मे नुकसान उठाते है, जो गलत है ! श्रीकृष्ण ने कहा है कि धर्म की रक्षा के लिए हिंसा करना भी श्रेष्ठ है ! उन्होंने सर्वप्रथम अहिंसा व शांति का मार्ग अपनाया किन्तु जब धर्म की रक्षा की बात आई, तो महाभारत भी किया ! यदि हमें हिन्दू मन्दिर व नाथद्वारा मन्दिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराना है व अन्याय करने वालों से मुक्त कराना है तो श्रीकृष्ण जैसे ◆क्षमा ◆सम्मान ◆अहिंसा का पालन करना है ! और जरूरत होने पर अपनो, बड़ों व गुरुओ से "धर्म युद्ध" करना होगा ! यदि कोई अन्याय/अनीति का सहारा लेता है, तो हमें भी "अनीति का सहारा" लेना होगा ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #16-17-18-20/04/2021 #21/04/2021 #dineshapna







 

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