Tuesday 6 April 2021

हिन्दू मन्दिर की रक्षा करना हमारा परम धर्म है ! धर्म की रक्षा करने पर धर्म हमारी रक्षा करता है ! ★Save Hindu Temples★ Save Nathdwara Temple ◆बृजवासियों ने नाथद्वारा मन्दिर की सुरक्षा जिम्मेदारी महाराजश्री को देने की सहमति दी ! ◆महाराजश्री मन्दिर की सुरक्षा मे असफल रहे, तो सरकार ने मन्दिर सुरक्षा हेतु सन् 1959 मे नाथद्वारा मन्दिर मण्डल बनाया ! ◆अब नाथद्वारा मन्दिर की स्थिति ज्यादा खराब हो गई है :- १-मन्दिर के धन का अपव्यय हो रहा है ! २-मन्दिर की जमीन हाथ से निकल रही है ! ३-मन्दिर मे राजनीति हस्तक्षेप बढ़ गया है ! ४-मन्दिर मे सरकारी अधिकारी का हस्तक्षेप व खर्चा बढ़ा है ! ५-मन्दिर की परम्पराओं को तोड़ा जा रहा है ! ◆ऐसी विकट स्थिति मे बृजवासियों को आगे आकर मन्दिर की व्यवस्था अपने हाथ मे लेनी होगी क्योंकि बृजवासी १-श्रीनाथजी का सखा है ! २-वित्तीय विशेषज्ञ है ! ३-कानूनी विशेषज्ञ है ! ४-प्रबन्धन विशेषज्ञ है ! ◆◆◆◆◆◆◆【2】◆◆◆◆◆◆◆ ●हमारी प्राथमिकता श्रीनाथजी मन्दिर को बचाना या सुरक्षा करना है, नहीं कि किसी पुजारी,बोर्ड सदस्यों,अधिकारियों व नेताओं को बचाना या उनका गुणगान करना है ! ●यदि पुजारी, बोर्ड सदस्य, अधिकारी व नेता अपने निजी स्वार्थ या किसी दबाव मे मन्दिर हित के विरुद्ध कार्य करते है, तो श्रीकृष्ण की नीति के अनुसार धर्म की रक्षा के लिए अपनो से भी युद्ध करना उचित है ! अभी तक जो मैने कहा, वह किसी के विरोध मे नही, केवल श्रीनाथजी मन्दिर के हित मे है ! मै हमेशा मन्दिर के हित मे कार्य करता रहूँगा ! ◆◆◆◆◆◆◆【3】◆◆◆◆◆◆◆ ●श्रीनाथजी व मन्दिर की रक्षा के लिए 611 वर्षों से बृजवासियों ने व 348 वर्षों से मेवाड़ के महाराणा, कोठारिया व अन्य ठिकानो तथा राजपूतों ने बलिदान दिया था ! ●पहले हमारे पूर्वजों ने मुगलों व अन्य आंक्रान्ताओ से श्रीनाथजी व मन्दिर को बचाने के लिए अपना सर्वस्व व प्राण तक का बलिदान दिया था ! ●अब श्रीनाथजी व मन्दिर को अन्दर व अपने व्यक्तियों से ही खतरा व नुकसान हो रहा है, अतः हमे अपनो से ही युद्ध करना होगा ! ●यदि आप ऐसा नहीं करते हो तो अपने पूर्वजों के बलिदान को व्यर्थ कर रहे हो और श्रीनाथजी व मन्दिर का नुकसान कर रहे हो ! ◆◆◆◆◆◆◆【4】◆◆◆◆◆◆◆ ●श्रीनाथजी की परम्पराओं, बृजवासियों के अधिकारो व मन्दिर के धन, जमीन, सम्पत्तियों की रक्षा करने मे • पुजारी, • बोर्ड सदस्य, • अधिकारी व • नेता असक्षम व असमर्थ है ! इसके कई उदाहरण / सबूत है ! ●• बृजवासियों, • मेवाड़ के महाराणा, • कोठारिया व अन्य ठिकानो तथा • राजपूतों ने अपना सर्वस्व व प्राण तक का बलिदान दिया था ! जिसके कई उदाहरण / सबूत है ! ●यहाँ श्रीनाथजी की परम्पराओं व मन्दिर को बचाने व सुरक्षा करना ही सर्वोच्च प्राथमिकता थी, है व होनी चाहिए ! किन्तु • नासमझी, • तुच्छ निजी स्वार्थ, • बाहरी दबाव व • अंहकार सबसे बड़ी बाधा है ! ●अतः • नासमझी, • तुच्छ निजी स्वार्थ, • बाहरी दबाव व • अंहकार को छोड़कर बलिदान करने वालो (• बृजवासियों, • मेवाड़ के महाराणा, • कोठारिया व अन्य ठिकानो तथा • राजपूतों) का साथ ले ! अन्यथा श्रीनाथजी व मन्दिर हित के लिए "अपना पद छोड़े" ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #03/04/05/06-04-2021 #dineshapna #SaveHinduTemples #FreeHinduTemples #SaveNathdwaraTemple #Shreenath , #Shreenathji , #shrinathji , #dineshapna #shreeji , #nathdwara , #एक_बृजवासी #एक_हिन्दुस्तानी , #mynathdwara , #nathdwara_live , #nathdwara_darshan , #shreeji_darshan , #haldighati , #udaipur , #shrinathji , #shrinathji_darshan_time , #shrinathji_darshan , #shriji , #dineshapna , #dinesh_sanadhya , #culture , #art , #नाथद्वारा , #नाथद्वारा_मन्दिर , #श्रीनाथजी #श्रीसद्दू_पाण्डे , #दिनेश_अपना , #दिनेश_सनाढ्य #vallabhacharyaji , #pusti , #pustimarg





 

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