Sunday 10 December 2017

★★ अपराधी को सजा मिले , किन्तु “निरपराधी आपस में क्यो लड़े” ! ★★ ★★++ आपस में लड़े नही , मिलकर “इंसानियत की दुश्मन से लड़े” ! ★★++ (1) ६ दिसंबर को राजसमंद में एक इंसान ने दूसरे इंसान को मारा , और “ इंसानियत को शर्मसार ” किया ! (2) अपराधी को कठोर दंड मिले , साथ में “ अपराध के मूल कारण पर भी रोक ” लगे ! (3) “ अपराध “ व “ अपराध के मूल कारण “ को जड़ मूल से समाप्त करे – हम सभी भारतीय , सरकार, नेता , न्यापालिका , सभी धर्म, सभी जाति/समाज ! (4) हम “ मानव धर्म “ को हिन्दू धर्म व इस्लाम धर्म से ऊपर समझे ! (5) “ राजनीति व चुनाव ” में धर्म व काले धन का उपयोग बंद हो ! (6) जनहित के निर्णय जनप्रतिनिधि के स्थान पर ” संबधित आमजनता “ ले ! (7) हिन्दू-मुसलमान 70 वर्ष से आपस में लड़ने में व्यस्त, नेता “देश को बेचने में मस्त” है ! – D.M.I.C. (दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर) व चार अन्य कॉरिडोर द्धारा ! (8) हम आपस में लड़ने के बजाये , “ विकास के नाम पर गुलाम “ बना रहे ! - विदेशी कॉर्पोरेट व नेताओ से लड़े ! (9) हम हिन्दू - मुसलमान ने 70 वर्ष पूर्व “ आजादी की लड़ाई “ मिलकर लड़े ! - अब वापस “ गुलामी से बचने की लड़ाई “ मिलकर लड़े ! CA. Dinesh Sanadhya = 10.12.2017 (HUMAN RIGHTS DAY ) www.dineshapna.blogspot.in


1 comment:

  1. अपराध का मूल कारण - पक्षपात, अन्याय, वोट की राजनिति, सभी धर्मो के साथ समान व्यवहार की कमी, न्याय मे देरी, कानून से बड़ा धर्म को समझना, गद्दारी आदी !
    उपाय - एक देश-एक कानून , कानून को सर्वोपरी मानना, कानून व सरकार को सभी भारतीय के साथ समान रुप से लागू करना, पहले हम भारतीय बने !

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