Monday 18 December 2017

★★★पांच इंडस्ट्रियल कॉरिडोर,पांच बर्बादी के द्धार :: तीसरा –“वायु”★★★ ★★★ कॉर्पोरेट द्वारा"जमीन"पर कब्ज़ा तथा“पानी व वायु”में प्रदुषण : जनता"जमीन,“पानी व वायु”खरीदने को मजबूर ★★★ DDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDD ★ दिल्ली दुनिया में सबसे ज्यादा “वायु प्रदूषित” है ! तथा इसके साथ भारत के सभी महानगर व 168 शहर “वायु प्रदूषित”है ! ★ देश में 12 लाख “मौत” प्रतिवर्ष वायु प्रदुषण से हो रही है ! 300 लाख व्यक्तियों को “अस्थमा” तथा कई व्यक्तियों को “कैंसर व अन्य बिमारिया” हो रही है ! ★ वर्तमान औद्योगीकरण से उक्त स्थिति है, तो इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में 10 गुणा ज्यादा औद्योगीकरण होने तथा वन व खेती नष्ट होने पर “वायु प्रदुषण भी 10 गुणा ज्यादा” होगा ! ★ वर्तमान में वायु प्रदुषण औद्योगिक क्षेत्र तक ही सीमित है, किन्तु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में पुरे देश में 5734 किमी लम्बाई व 200 किमी चौड़ाई तक कुल क्षेत्रफल 11.42 लाख वर्ग किमी में होगा, जो भारत की कुल क्षेत्रफल का 1/3 हिस्सा है तथा साथ ही देश की 75 % आबादी वायु प्रदुषण से प्रभावित होगी ! ★ देश में 30 वर्ष पूर्व “बोतल बंद पानी” बिकने लगा है, तो अब 30 वर्ष बाद “बोतल बंद हवा” बिकने लगेगी ! ★ वर्तमान में वायु प्रदूषण से बचने के लिए घर, ऑफिस, कार व बाजार में एयर कंडीशनर लगाना पड़ रहा है, जो आम आदमी के पहुंच से दूर है ! तो आम आदमी कहाँ जायेगा ? CA.Dinesh Sanadhya = 18.12.2017 www.dineshapna.blogspot.in









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