Tuesday 19 December 2017

■●■ "पांच" इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, "पांच" बर्बादी के द्धार :: चौथा -"प्राकृतिक संसाधन"■●■ ■●■ कॉर्पोरेट द्वारा"जमीन"व“प्राकृतिक संसाधनों”पर कब्ज़ा व मुनाफे के लिए दोहन :: जनता व देश मूकदर्शक ■●■ DDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDD ★देश में कोयला भंडार (विश्व में चौथा), लोहा भंडार (विश्व में सातवाँ) माइका (विश्व में पांचवा) है ! इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में कॉर्पोरेट (विदेशी व देशी) की इन भण्डारो पर बुरी नजर है तथा ये इनका दोहन इनके फायदे के लिए करना चाहते है ! ★देश में खेती की जमीन 19.45 लाख वर्ग किमी (56.78%) व जंगल की जमीन 7.02 लाख वर्ग किमी (21.34%) इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में खेती व जंगल की जमीन बर्बाद होगी ! प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन व दुरुपयोग होगा ! ★इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में निर्माण तेज परिवहन की साधन, कच्चे माल का उपयोग, उत्पादन का फायदा 75% कॉर्पोरेट (विदेशी व देशी) को तथा 25% जनता व देश को होगा ! आमजनता के हिस्से में प्रदुषण, बेरोजगारी, नौकरी करने के मजबूरी, रोटी कपडा व मकान के लिए अत्यधिक कीमत, कॉर्पोरेट पर निर्भरता व गुलामी ! देश को नुकसान जमीन, प्राकृतिक संसाधन, कर्ज भार, नियंत्रण हाथ से निकलना, व आर्थिक गुलामी ! ★सरकार का वर्तमान कॉर्पोरेट ( निजी शिक्षा क्षैत्र,निजी मेडिकल क्षैत्र, निजी परिवहन क्षैत्र,निजी बैंकिंग क्षैत्र) पर"जनहित"में नियंत्रण नही है, तो इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में कॉर्पोरेट (विदेशी व देशी) पर "जनहित" में नियंत्रण बिलकुल नही रहेगा ! CA.Dinesh Sanadhya = 19.12.2017 www.dineshapna.blogspot.in






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