Tuesday 26 December 2017

■■★■■ राजसमंद के कॉर्पोरेट (मिराज) :: {"नशे से नफा"} ■■★■■ ■■★■■ {दिखाने की सेवा "एक" :: कमाई का मुनाफा "चार"} ■■★■■ ★ नाथद्धारा बस स्टैण्ड पर जनता के लिए "आयकॉन गेट", किन्तु हकीकत में + यातायात में परेशानी, + सरकारी जमीन का दुरूपयोग, + गेट के एवज में सरकार से अन्य जमीन,+ नाथद्धारा "श्रीजी का" परन्तु गेट "मिराज के नाम का" {सेवा एक ? :: मुनाफा चार ?} ★ गणेश टेकरी पर जनता के लिए "सबसे बड़ी शिवजी की प्रतिमा", किन्तु हकीकत में +साथ में व्यापार केंद्र, + स्थानीय व्यापार समाप्ति की ओर, + वैष्णव सम्प्रदाय V/S शैव सम्प्रदाय, + जनता की जमीन सेवा के लिए व ज्यादा उपयोग व्यापार हेतु {सेवा एक ? :: मुनाफा चार ?} ★ जनता के स्वास्थ्य के कीमत पर पैसा कमाया तथा सरकार को साथ देना पड़ा क्योकि तम्बाकू (नशे) का व्यापार कॉर्पोरेट कर रहे है ! ★ जनता के खेल मैदान के लिए करोडो की राजसमंद में जमीन, किन्तु हकीकत में "चार कॉर्पोरेट"ने "चार करोड़ रूपए" में लेकर"खास आदमी" के मौज मस्ती के लिए"मेवाड़ क्लब" बनाया ! कॉर्पोरेट द्वारा आम जनता की जमीन पर कब्ज़ा किया, किन्तु क्यों प्रशासन का सहयोग रहा व सरकार चुप रही ? ◆◆◆◆◆●●●●●निष्कर्ष :- ◆◆◆◆◆●●●●● ★ कॉर्पोरेट कितना भी अच्छा हो, आखिर तो “मुनाफे की लिए” आम जनता की लिए “नुक़सानदेह” ही होता है ! ★ कॉर्पोरेट “मुनाफे के लिए” आम जनता का या “स्वास्थ्य” जायेगा ? या “पैसा” जायेगा ? या “जमीन” जाएगी ? CA. Dinesh Sanadhya = 26.12.2017 www.dineshapna.blogspot.in



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