Sunday 17 December 2017

■◆■ पांच इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, पांच बर्बादी के द्धार :: दूसरा – “पानी” ■◆■ ■◆■ कॉर्पोरेट का "जमीन" पर कब्ज़ा : तो “पानी” पर भी कब्जा : जनता मोहताज “पानी” को ■◆■ DDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDD ★ तीसरा विश्वयुद्व होगा "पानी" के लिए ! ★ विश्व मे "समुद्र व खारा पानी" 97.30% व "पीने योग्य पानी" 2.70% है ! उसमे से 0.20% सतही पानी व 2.50% "भूजल पानी" है ! ★ देश मे "भूजल पानी" ग्रामीण क्षैत्र मे 90% पीने व 70% सिंचाई के लिए तथा शहर मे 50% पीने के लिए उपयोग होता है ! ★ देश की कुल जमीन 32.87 लाख वर्ग किमी में से पांच इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को 11.42 लाख वर्ग किमी जमीन दी जाएगी ! (34.74 %) अर्थात् "देश की 1/3 जमीन" पर काँरपोरेट का कब्जा होगा ! ★ काँरपोरेट का देश की 1/3 "जमीन पर कब्जा" , तो देश के 1/3 से 2/3 "पानी पर भी कब्जा" होगा ! ★ "वर्तमान औद्योगिकरण" से 50% नदियाँ प्रदुषित है व पानी की कमी है तो इंडस्ट्रियल कॉरिडोर मे 10 गुणा "ज्यादा औद्योगिकरण" होने से 10 गुणा ज्यादा "जल प्रदुषण व कमी" होगी ! ★ वर्तमान मे "जमीन व पानी" पर सरकार का अधिकार है तो भी "आम आदमी के साथ अन्याय" हो रहा है, तो जब "जमीन व पानी" पर काँरपोरेट का अधिकार होगा तो "आम आदमी का क्या होगा" ? ★ आम आदमी की "जमीन गई तो पानी" गया ! "खेती गई तो भोजन" गया ! तब क्या "आम आदमी व देश गुलाम" नही होगा ? CA.Dinesh Sanadhya = 17.12.2017 www.dineshapna.blogspot.in








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