Monday 25 December 2017

★★राजसमंद के कॉर्पोरेट (सद्भाव) :: संसाधनों की लूट, जनता से वसूली★★ ★★सरकार की मौन स्वीकृति ; प्रशासन बेबस ; जनता लूटने को मजबूर★★ ◆◆◆◆{{{{{{{{{{{{{{{{{}}}}}}}}}}}}}}}}}}}◆◆◆◆ ◆◆राजसमंद के कॉर्पोरेट (सदभाव) गोमती उदयपुर फोरलेन द्वारा विकास के नाम पर लूट :- ◆◆ ★ नियम व गुणवत्ता के अनुसार सड़क निर्माणनही ! ★ कर राजस्व व पर्यावरण (पेडो की कटाई)को नुकसान ! ★ जनता की पुरानी सड़क व जनता की जमीन का पूरा मुआवजा नही दिया ! ★ जनता की शिकायतों को न सुना व न ही समाधान किया ! ★ केवल मुनाफे के लिए जमीन व संसाधनों कादुरुपयोग, जनता को परेशान व जान जोखिम में डालकर टोल टैक्स के रूप में करोडो की लूट ! ◆◆ सरकार मौन ; प्रशासन बेबस व जनता से लूट :- ◆◆ ★ जनता के 250 से 300 शिकायतों व ज्ञापनके बावजूद सरकार , कुछ नेताओ व कुछ अफसरों ने कॉर्पोरेट का पक्ष लिया तथा स्वयं व कॉर्पोरेट को फायदा पहुंचाया ! ★ जनता की जमीन छीनी, पर्यावरण बिगाड़ा,कर राजस्व की चोरी , जोख़िमभरी सड़क बनाई, जबरन टोलवसूली, जनता को कोई फायदा नही, तो भी जबरन टोल देना तथा जनता की कोईसुनवाही नही ! ◆◆ निष्कर्ष :- (आम जनता , सरकार , प्रशासन व कॉर्पोरेट) ◆◆ ★ आम जनता का धन व धरम दोनों गया ! सरकार व प्रशासन को कुछ फायदा ! कॉर्पोरेट को धन व अधिकार दोनों मिले ! ★ यह कॉर्पोरेट (एक - देशी) की 80 किमी सड़क का हाल है, तो सोचो ! जब इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में कॉर्पोरेट ( एक हजार - देशी व विदेशी) की 8000 किमी सड़क, रेल, फैक्ट्री, हवाई अड्डे, बन्दरगाह होगे ? ★ तब क्या सरकार उनपर नियंत्रण कर आमजनता का हित सुरक्षित कर पायेगी ? क्या जब आम जनता व देश कॉर्पोरेट (विदेशी व देशी ) का गुलाम नही होगा ? CA. Dinesh Sanadhya = 25.12.2017 www.dineshapna.blogspot.in



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