Friday 7 February 2020

★बोर्ड के सदस्य भक्त हैं ? ईमानदार हैं ? धनपति व समझदार हैं ? समर्पित हैं ? ★ तो फिर उनके कार्य जनहित मे क्यों नहीं ? उनके कार्यों का सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं ? ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ (1) बोर्ड के सदस्य श्रीनाथजी व पुष्टि संप्रदाय के "भक्त" हैं ! ■ तो फिर श्रीनाथजी के भक्त होने के स्थान पर क्यों श्रीनाथजी की सम्पत्तियों के भक्त बन रहे हैं ? तथा बोर्ड के सदस्य क्यों नहीं वर्तमान मे श्रीनाथजी की संपत्तियों की रक्षा व सदुपयोग कर रहे हैं ?■ (2) बोर्ड के सदस्य "ईमानदार" है ! ■ तो फिर बोर्ड के सदस्यो द्वारा कार्य पारदर्शिता के साथ क्यों नहीं किया जा रहा है ? यदि बोर्ड सदस्य ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं, तो मन्दिर मण्डल के कार्यों का सामाजिक अंकेक्षण कराने से क्यों डर रहे है ?■ (3) बोर्ड के सदस्य बड़े "धनपति व समझदार" है ? ■तो फिर श्रीनाथजी की जमीनों का जनहित में उपयोग क्यों नहीं कर रहे हैं ? जबकि बोर्ड सदस्य अपनी स्वयं की जमीन व धन का उपयोग व कार्य 100% अपने फायदे के लिए करते हैं, इसलिए बोर्ड सदस्य धनपति/समझदार बने !■ (4) बोर्ड के सदस्य श्रीनाथजी के प्रति "समर्पित" है ! ■तो फिर श्रीनाथजी की संपत्तियों की रक्षा के प्रति समर्पित क्यों नहीं ?■ CA. Dinesh Sanadhya - 07/02/2020 www.dineshapna.blogspot.com



















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