Friday 14 February 2020

★श्रीजी भक्तों का स्वर्ण काल (1409 से 1531)★ ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● ◆ 97 वर्षों तक श्रीनाथजी की सेवा व सुरक्षा का कार्य "महाप्रिय श्री सद्दू पाण्डे व बृजवासीयो" के द्वारा की गयी ! किन्तु आज उन्हें 40 फीट दूर कर दिया ! ◆ सन् 1506 मे बृजवासीयो ने श्रीनाथजी की सेवा व पूजा का कार्य श्री वल्लभाचार्य जी को सौंप दिया ! ◆ 25 वर्षों तक महाप्रभु जी व उनके द्वारा अधिकृत व्यक्ति सेवा कर रहे थे ! उस समय सभी का देने का भाव था, आज की तरह लेने का नहीं ! श्रीनाथजी सभी के थे व उनकी सम्पत्ति पर अधिकार करने की नियत किसी की भी नहीं थी ! ◆ सभी मे प्रेम, सेवा व समर्पण का भाव होने से आपस मे भेदभाव नहीं था ! ◆ महाप्रभु जी ने प्रथम 13 वर्षों मन्दिर निर्माण व सेवा पद्वति मे लगाये व शेष 12 वर्ष पुष्टि मार्ग के साहित्य सृजन मे सन् 1531 तक लगाये ! उस समय बृजवासीयो का सेवा व सुरक्षा मे महत्त्वपूर्णस्थान था ! किन्तु उनके वंशजों ने बृजवासीयो को "सखा से नौकर" बना दिया ! जबकि बृजवासीयो ने उनको "पुजारी से गुरु" बना दिया ! CA. Dinesh Sanadhya - 14/02/2020 www.dineshapna.blogspot.com






















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