Saturday 8 February 2020

★नाथद्धारा मन्दिर मण्डल मे बृजवासीयो को अधिकार कैसे मिले ! ★नाथद्धारा मन्दिर मण्डल को पूर्ण लोकतांत्रिक बनाने की जरूरत !★ ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● (1) देश के संविधान मे सरकार का संचालन "लोकसभा" व "राज्यसभा" गठन के माध्यम से होता है ! (2) नाथद्वारा मन्दिर मण्डल का गठन सरकार द्वारा मनोनयन से होता है, अर्थात् यह "राज्यसभा" के गठन जैसा है ! (3) नाथद्वारा मन्दिर मण्डल मे पूर्ण लोकतंत्र के लिए "लोकसभा" का निर्माण बृजवासीयो के द्वारा करना चाहिए ! (4) नाथद्वारा मन्दिर मे 348 वर्ष से नाथद्वारा मे बृजवासीयो ( सात जातियो ~ सनाढ्य, गुर्जर , गौरवा, जाट, लोधा , नाई, व उस्ता ) की सेवा, त्याग व समर्पण सर्व विदित है ! इसके अलावा बृजवासीयो की सेवा व त्याग बृज व नाथद्वारा मे कुल 611 वर्षो से है, जिसको अभी तक नज़र अन्दाज किया गया ! (5) नाथद्वारा मन्दिर मण्डल की "लोकसभा" का निर्माण 21 सदस्यों से होगा ! बृजवासीयो की सात जातियों मे प्रत्येक जाती मे से 3 सदस्यों को लेना है ! इन 3 सदस्यों मे से एक समाज का सरपंच, दूसरा मन्दिर मे सेवारत व्यक्तियों मे से, तथा तीसरा समाज की ओर से योग्य व समझदार चयनित/मनोनीत व्यक्ति हो ! (6) नाथद्वारा मन्दिर मण्डल कोई भी निर्णय लेने से पहले उसे "मन्दिर लोकसभा" से पास कराना होगा , उसके बाद उस निर्णय को "मन्दिर राज्यसभा" से पास कराना होगा ! इस प्रकार पूर्ण लोकतंत्र की स्थापना की जा सकती है ! (7) मन्दिर की "लोकसभा व राज्यसभा" की प्रत्येक बैठकों की पूरी विडियोग्राफी होनी चाहिए ! तथा सभी बृजवासीयो को अपना प्रस्ताव रखने व जानकारी लेने का अधिकार होना चाहिए ! (8) वर्तमान बोडँ सदस्य श्रीजी भक्त, ईमानदार, धनपति/समझदार व समर्पित है तथा उनका कोई निजी स्वार्थ नहीं है, तो उन्हें इस "नये प्रस्ताव" को स्वीकार करने मे आपत्ति नहीं होनी चाहिए ! (9) बृजवासी श्रीजी के सखा है ! 611 वर्षों से श्रीजी सेवा को समर्पित है ! सबसे ज्यादा समय से श्रीजी की सेवा कर रहे है ! अपनी धन/सम्पदा को बृज मे 348 वर्ष पूर्व छोडकर आये थे ! श्रीजी के रक्षार्थ अपने प्राणों की आहुति भी दी ! CA. Dinesh Sanadhya - 07/02/2020 www.dineshapna.blogspot.com


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