Monday 2 March 2020

★क्यों बृजवासीयो / महाराजश्री श्रीजी की सम्पत्तियो की रक्षा कर पाने मे असमर्थ रह रहे है ? ★क्या वसुंधरा जी के प्लान ने श्रीजी की वसुंधरा को वेस्ट ? ★क्या नेता व सरकार श्रीजी के हित मे काम करते है ? ★क्या बोडँ मेम्बर्स श्रीजी हित मे निर्णय लेते है ? ★क्या नाथद्वारा श्रीनाथजी मंदिर आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया है ! ■■■■◆◆◆◆◆■■■■■■◆◆◆◆◆■■■■ ★★जन्मदिन 02/03/2020 पर श्रीनाथजी मन्दिर की हकीकत दर्शन★★ ★श्रीनाथजी मन्दिर के जिम्मेदार व्यक्तियों की लापरवाही★ ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ नाथद्वारा नगर के श्रीनाथजी मंदिर में विगत कुछ वर्षों पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री वसुंधरा राजे सिंधिया के कार्यकाल में नाथद्वारा विकास के नाम पर मंदिर मंडल द्वारा नगर विकास के लिए योजना बनाई गई जिसमें चार चरण मैं निर्माण का तय किया गया जिसके अंदर निर्माण कार्य प्रथम चरण में आने वाले ●पाएगा कोटेज ●लालबाग ●गिरिराज परिक्रमा ●प्रितमपोल मंदिर मंडल द्वारा विकास कार्य का शुभारंभ किया गया ! (1)जिसमें सर्वप्रथम ●पाएगा कॉटेज जिसको आज स्कोर वल्लभ विलास के नाम से जाना जाता हैजिससे पहले ठाकुर जी को एक करोड़ रुपयेके लगभग सालाना आय होती थी वैष्णवो द्वारा अनुदान देकर निर्माण करवाया गया था जिसको विकास के नाम पर ध्वस्त कर करोड़ों रुपए की लागत से वल्लभ विलास भवन का निर्माण करवाया गया जिसके चलते ठाकुर जी को इससे आय के नाम पर शुन्य साथ ही इसके रखरखाव के ऊपर भी लाखों रुपया मासिक खर्च किया जा रहा है ! (2)इसी विकास की श्रृंखला में ●लालबाग जहां पर प्रभु श्रीनाथजी के वर्ष भर चंदन , तुलसी , केला के पत्ते , फल , फूल सहित सामग्री ठाकुर जी की सेवा के लिए आती थी, परंतु आज ठाकुर जी के इस बाग को गार्डन का रूप तैयार कराया गया है ! जिस के रखरखाव पर भी बिजली सुरक्षा सफाई के नाम पर लाखों रुपया मासिक खर्च किया जा रहा है आमदनी के नाम पर ठाकुर जी के फ़ियाकडी का नाम गुल शफा है। (3)इसी क्रम में ●गिरिराज परिक्रमा जोकि गिरिराज पर्वत के स्वरूप से गिराज जी के भाव से माना जाता है इसके चारों तरफ गिरिराज परिक्रमा के अंतर्गत सड़क निर्माण करवाए गए उसके ऊपर भी करोड़ों रुपए खर्च हुए आय के नाम पर यहां पर भी जीरो रहा ! (4)इसी तरह ठाकुर जी की ●प्रितमपोल सकडी रसोई समाधान सेवा वालों के मकान मीरा बाई मंदिर परिसर इन स्थलों को भी विकास के चलते ध्वस्त कर गया परंतु आज तक यहां का निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया एवं मंदिर मंडल बोर्ड द्वारा विकास के नाम पर नई-नई योजनाओं को क्रियान्वित करने में लगे हुए हैं जबकि ठाकुर जी के पुरानी इमारतों से करोड़ों रुपए लाखों-करोड़ों ठाकुर जी के आय होती थी ! (5)जबकि मंदिर मंडल द्वारा ठाकुर जी के ●भोग के अंदर उपयोग में लाए जाने वाले जींस घी , शक्कर गेहूं , दाल , सुखा मेवा सहित के छप्पन भोग में उनके उपयोग में आने वाली सामग्रियों को टेंडर के द्वारा खरीद की जाती है , जबकि पूर्व में ठाकुर जी के प्रसाद की गुणवत्ता एवं क्वांटिटी पूरी थी उक्त संदर्भ में संवाददाता द्वारा मुंबई सूरत अहमदाबाद सहित देशभर से आने वाले वैष्णो से वर्तमान समय में मंदिर मंडल की आवास व्यवस्था दर्शन व्यवस्था एवं प्रसाद के बारे में जानकारी चाहने पर अहमदाबाद निवासी कांति भाई जशोदाबेन रूपेश शाह सूरत निवासी हेमंत देसाई स्मितादेसाई से वर्तमान मंदिर व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी जाने पर बताया गया कि कि हमारे परिवार विगत कई वर्षों से ठाकुर जी के दर्शन को आते जिसमें उस समय मेरी उम्र 5 साल की थी हम अपने दादा जी के साथ रहते थे और जो प्रसाद हम साथ लेकर जाते थे वह महीनों भर खराब नहीं होता था ! (6)दर्शन व्यवस्था भी सहज उपलब्ध थी जबकि आज श्रीनाथजी का महाप्रसाद हम लेकर जाते हैं जो दो-तीन दिन में खराब हो जाता है , ●दर्शन व्यवस्था के लिए मंदिर मंडल द्वारा तैनात होमगार्ड सिक्योरिटी गार्ड श्रीनाथ गार्ड के जवानों द्वारा दर्शन के लिए बगीचा गेट मनोरथी के गेट कीर्तन या गली गोवर्धन पूजा का चौक धौली पटिया जहां पर यह गार्ड तैनात हैं , जो कई बार बदतमीजी से पेश आते हैं , साथ ही बृजवासी सेवा वाले जो कि प्रभु श्रीनाथजी के साथ सदियों पहले ठाकुर जी मेवाड़ पधारे अपने सारे घर परिवार को छोड़कर नाथद्वारा आए , वही प्रति परिवार आज भी ठाकुर जी के राजभोग और सिंन्गार की सेवा में लगे हुए हैं , उन्हीं के द्वारा आने वाले वैष्णो की आवभगत के साथ ठाकुर जी के लिए उत्सव मनोरथ आयोजन के लिए तैयार किया जाता था एवं वैष्णव से सेवा सामग्री लिखी जाती थी वे अपनी मर्जी से ब्रज वासियों को सेवकी आदि देते , परंतु आज हालात यह हो गए हैं कि बृजवासी सेवा वाले तो कहीं रहते हैं , यह होमगार्ड सिक्योरिटी गार्ड के जवान वैष्णो से दर्शनों के नाम पर सेव की मांगते हैं कई वैष्णव के द्वारा सेवकी नही देने पर यह सिक्योरिटी गार्ड होमगार्ड के जवान वैष्णव से गाली गलौज पर उतर आते जिसकी शिकायत मुख्य निष्पादन अधिकारी एवं संबंधित अधिकारियों से कई बार वैष्णव के द्वारा लिखित व मौखिक दर्ज करवाने के उपरांत भी कोई कारगर कदम नहीं उठाया जाता है , जिसके चलते वैष्णव का श्रीनाथजी मंदिर से सने सने मोहभंग होता जा रहा है , यही है कि वैष्णव की आवागमन कम हो रहा है , जिसके चलते ठाकुर जी के आय भी घटी है पूर्व में ठाकुर जी के सम्मुख दानपात्र रखा जाता है जो एक माह में एक बार खुलता था आज हालात यह हो गए हैं कि एक माह में चार बार दानपात्र खोले जा रहे हैं जिसके चलते हैं मंदिर कर्मचारियों की तनख्वाह या सैलरी चुकाई जा रही है , हालात यह है कि टेंपल बोर्ड द्वारा ठाकुर जी के सेवा में काम आने वाले साधन सुविधा और व्यवस्था के लिए मांग की जाती है तो मंदिर मंडल कहता है कि किसी वैष्णव को तलाश कर इसकी व्यवस्था करवाई जाएगी , जबकि फालतू खर्चा मंदिर मंडल का मंदिर मंडल द्वारा आंख मूंदकर किया जाता है और जो विकास किया गया है बल्लभ विलास लालबाग गिरिराज परिक्रमा उनसे ठाकुर जी के आय की बजाय इस विकास कार्य के ऊपर किए गए खर्च के रखरखाव पर भी लाखों रुपया मासिक खर्च किया जा रहा है , ऐसा विकास किस काम का जिसको लेकर वैष्णवो सहित स्थानीय लोगो मे भारी मैं रोष है, कि आमदनी ◆अठन्नी◆ और खर्चा ◆रुपया◆ !





















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