Wednesday 11 March 2020

【◆】शराब एक - नुकसान दो - ★धन का ★जीवन का ! 【◆】शराब एक - परेशानी दो - ★स्वयं को ★स्वयं के परिवार को ! 【◆】शराब एक - दिक्कत दो - ★व्यक्ति को ★समाज को ! 【◆】शराब एक - लूट दो - ★सरकार द्वारा ★ठेकेदार द्वारा ! आम जनता के यक्ष प्रश्न :- (1) आबकारी विभाग से - ●प्रार्थना पत्र व संलग्न डी डी का लिंक व सत्यापन नहीं ! ●शराब की लाँटरी किसी को व संचालन किसी ओर के द्वारा ! ●असली शराब के साथ नकली / बाहरी शराब बिक्री पर नियंत्रण नहीं ! ●शराब की दुकान स्वीकृत एक जगह किन्तु उसका संचालन अन्य जगहों या अन्यत्र परन्तु कोई कार्यवाही नहीं ! क्या विभाग द्वारा इस सम्बंधित पिछले दो वर्षों मे कोई सत्यापन किया ? क्या विभाग द्वारा प्राप्त शिकायतों व उसके किये गये समाधान की सूची है ? (2) प्रशासन से :- ●क्या शराब की लाँटरी करने से पूर्व प्रार्थना पत्र मे वर्णित सभी तथ्यों की सत्यता की जाँच करवाई है ? ●क्या पुराने शराब ठेकेदारों से चुकता आयकर का प्रमाण पत्र लेकर ही नई लाँटरी मे शामिल किया ? ●क्या पूर्व मे शराबबंदी क्षैत्रों के लोगों का सर्वे करा कर जाँच की, कि वहाँ के लोग अब शराब का सेवन नहीं कर रहे है ? ●क्या जनता से पिछले दो वर्षों मे प्राप्त शिकायत / ज्ञापन व उसके समाधान की सूची है ? (3) आयकर विभाग :- ●जो साधारण व्यक्तियों के 10-20 हजार के लेनदेन की जाँच करता है, तो क्या उसने शराब लाँटरी के समय करोड़ों के डी डी की जाँच की ? ●जो चाय / नास्ते की दुकानों को भी अपने दायरे मे लेते है, तो क्यों प्रति दुकान 50-60 लाख टर्नओवर को क्यों नजर अन्दाज करते है ? ●अन्य सरकारी विभागों मे छोटे ठेकेदारो से आयकर चुकता प्रमाण पत्र लेकर प्रार्थना पत्र लिया जाता है, तो क्यों नही शराब के लिए प्रार्थना पत्र के साथ आयकर चुकता प्रमाण पत्र लिया जाता है ? (4) नये व छोटे शराब ठेकेदार :- ●जब ठेका किसी ओर के खुलता है व चलाता कोई अन्य बडे ठेकेदार , जिस पर विभाग की अप्रत्यक्ष सहमति होने से नये व छोटे व्यक्तियों के साथ अन्याय होता है ! ●बडे ठेकेदारों के द्वारा गलत तरीक़े से ज्यादा डी डी लगाकर केवल प्रार्थना पत्रो की संख्या बडा कर नये व छोटे ठेकेदारों के साथ अन्याय हो रहा है !










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