Thursday 3 September 2020

★★श्रीनाथजी के यहाँ अटूट भण्डार ! फिर भी उनके सखा बेरोजगार !★★ ●●●●>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>●●●● (१)नाथद्वारा मन्दिर के पास हजारों बीघा जमीन, हजारों गाये, करोड़ों की जमीन व करोड़ों रुपये है, तो हजारों बेरोजगार बृजवासियों को रोजगार क्यों नहीं मिल सकता हैं ? (२)नाथद्वारा मन्दिर जब घी, तेल, अनाज, फल, फूल व अन्य सामग्रियों का खरीददार है, तो हजारों बेरोजगार बृजवासियों को रोजगार क्यों नहीं मिल सकता हैं ? (३)नाथद्वारा मन्दिर मण्डल जब करोड़ों रुपये का अपव्यय कर सकते है, तो हजारों बेरोजगार बृजवासियों को रोजगार क्यों नहीं मिल सकता हैं ? (४)नाथद्वारा मन्दिर मण्डल सदस्य करोड़ों की जमीन व धन लूटा सकते है, तो हजारों बेरोजगार बृजवासियों को रोजगार क्यों नहीं मिल सकता हैं ? ●●●●>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>●●●● यह सभी कुछ (संसाधन, धनशक्ति, श्रमशक्ति व उपभोक्ता बाजार) की उपलब्धता तो है, किन्तु उसका सदुपयोग नहीं, नेतृत्व की क्षमता नहीं, ईच्छाशक्ति नहीं है, इसलिए बेरोजगारी है ! ●संसाधन बैकार है, ●धन की लूट हो रही है ! ◆यह कार्य पुजारी नहीं कर सकते है, ◆केवल सखा ही कर सकते है ! ●●●●>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>●●●● ★जयश्रीकृष्ण★ ◆★◆ ★श्रीकृष्णार्पण★ दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी - 03/10/2020 ◆◆ www.dineshapna.blogspot.com ◆◆






 

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