Wednesday 9 September 2020

अधर्म/अन्याय का नाश व धर्म/न्याय की विजय! तो भी अधर्मी/अन्यायी समझते क्यों नहीं ? ●●●●>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>●●●● ◆श्रीनाथजी की जमीन/सम्पत्ति लूटना व लूटाना "अन्याय" है ! ◆श्रीनाथजी के धन की चोरी व अपव्यय करना "अन्याय" है ! ◆श्रीनाथजी की परम्पराओं को तोड़ना व मरोडना "अधर्म" है ! ◆श्रीनाथजी के सखा के अधिकार छीनना "अधर्म" है ! ●●●●>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>●●●● ●बोर्ड मैम्बर्स व अधिकारियों की जिम्मेदारी है, कि जमीन व धन की सुरक्षा करें, किन्तु वह जिम्मेदारी पूरा नहीं करके "अन्याय" कर रहे है ! ●वल्लभ कुल व सेवा अधिकारी की जिम्मेदारी है, कि मन्दिर की परम्पराओं को बनाये रखें व बृजवासियों को सुरक्षा / निर्णय का अधिकार दे , किन्तु वह जिम्मेदारी पूरा नहीं करके "अधर्म" कर रहे है ! ●●●●>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>●●●● दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी - 09/09/2020 www.dineshapna.blogspot.com





































 

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