Saturday 11 December 2021

सच्चा विकास वहीं जो विरासत को भी संभाले ! विकास पुरुष के साथ विरासत पुरुष भी बने ! नाथद्वारा बनास पुल 06/05/1920 को तिलकायत गोवर्धन लालजी महाराज की ईच्छा से, महाराणा फतेह सिंह जी की आज्ञा से, अधिकारी सेठ चरण दासजी के प्रयासो से, व दीवान सेठ राम गोपाल मालानी, नागौर के द्वारा बनाया गया ! इस पुल को बने 101 वर्ष हो गये है किन्तु ऐतिहासिक विरासत को को सार संभाल करने वाला कोई नहीं है ! क्यों ? विरासत को सम्भालने मे मरम्मत का खर्चा कम आता है तो भी उसे तोड़कर या टूटने का इन्तजार करते है तथा उसके बाद उस जगह पुनः निर्माण करके धन का अपव्यय किया जा रहा है, जो सर्वथा गलत है ! नाथद्वारा बनास पुल मे उग आये 10 - 12 पेड़ो को हटाना व प्लास्तर करने 1- 2 लाख का खर्चा है ! इसके बावजूद इसकी मरम्मत करने बजाय पुल टूटने का इन्तजार करना व बाद मे नया पुल निर्माण मे करोड़ों रुपये खर्च करना कहाँ की समझदारी है ? नाथद्वारा मे विकास के नाम पर (१)अनावश्यक निर्माण किया जा रहा है (आईकोनिक गेट) (२)मन्दिर की जमीन को लूटा जा रहा है (लालबाग बस स्टैण्ड) (३)मन्दिर के द्वारा बनाई गयी ऐतिहासिक ईमारतों को तोड़ा जा रहा है (बड़ा बाजार की स्कूल व भविष्य मे हाई स्कूल को) (४)नव निर्माण के नाम पर सरकारी जमीन को लुटाई जा रही है (शिव मूर्ति व भविष्य मे ऐलिवेटेड़ पुल के नीचे गाडँन हेतु अन्य जमीन) (५)अनावश्यक/अमानक निर्माण किया जा रहा है (सिवरेज लाईन/चौपाटी पर नाला व कोबल स्टोन से मन्दिर मागँ) (६)नाथूवास/सिंहाड़ तालाब व कुएँ बाँवडीयो मे कुछ केवल मरम्मत करने के स्थान पर नियम विरुद्ध निर्माण की स्वीकृति देना व अवैध अतिक्रमण को रोकने के स्थान पर चुप रहकर मौन स्वीकृति देना कहाँ तक उचित है ? (७)वन विभाग की जमीन पर वृक्षारोपण करने के स्थान पर अतिक्रमण पर चुप रहना व ऐलिवेटेड़ पुल के नीचे वाहन पार्किंग बनाने के स्थान पर पैड़ पौधे लगाना कहाँ की समझदारी है ? नाथद्वारा बनास पुल (विरासत) को सम्भालने की ◆प्रथम जिम्मेदारी नाथद्वारा मन्दिर मण्डल / मठाधीश की है क्योंकि इसका निर्माण मठाधीश के पूर्वजों की ईच्छा से हुआ है अतः यह हमारी विरासत है ! ◆दुसरी जिम्मेदारी नगरपालिका की है, क्योंकि यह नगरपालिका क्षैत्र मे होने के साथ नगरवासीयों के लिए उपयोगी ही नहीं, अति आवश्यक है ! ◆तीसरी जिम्मेदारी सरकार / नेताओं की है, क्योंकि अभी तो केवल मरम्मत से ही काम हो जायेगा, नहीं तो बाद मे करोड़ों रुपये खर्च करके नवनिर्माण करना होगा ! यदि उपरोक्त तीनों (मठाधीश/नगरपालिका/सरकार) उक्त पुल की मरम्मत कराने मे असमर्थ है तो "एक बृजवासी" तैयार है तथा उसका साथ देने के लिए श्रीजी परिवार भी तैयार है ! अतः तीनों जिम्मेदार आगे आकर 15 दिन मे मरम्मत का कार्य शुरू करें ! यदि उक्त कार्य नहीं करते है तो हमें मरम्मत करने की अनुमति दे ! हमे इस नाथद्वारा बनास पुल की मरम्मत के ऐवज मे कोई जमीन नहीं चाहिए ! (जैसे एक महादानी ने पहले विकास कार्य करने की ऐवज मे नगरपालिका / सरकार से जमीन ली थी !) सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी 11/12/2021 #dineshapna





























 

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