Saturday 18 December 2021

★विकास ऐसा हो, जिससे व्यवधान पैदा न हो ! ★★विकास ऐसा हो, जिसमें धन/जमीन बबार्द न हो ! ★★★विकास ऐसा हो, जिससे आमजन को फायदा हो ! नाथद्वारा मे कुछ विकास कार्य हुए है उसके लिए विकासकर्ता को धन्यवाद ! किन्तु उक्त विकास कार्यों के "ऊपर का तथ्य" व "अन्दर का सत्य" के बीच विरोधाभास क्यों है ? अतः आमजन को यह अधिकार है कि वह विकास कार्यों के "अन्दर का सत्य" जाने ! (४) शिवमूर्ति व पार्क :- ◆एक दानवीर द्वारा आम जनता के लिए शिवमूर्ति व पार्क जनहित मे CSR फण्ड़ से 250 करोड़ खर्च किये जाते है जिसके लिए 25 बीघा जमीन नगरपालिका द्वारा दी जाती है, किन्तु हकीकत मे उक्त जमीन पर दुकानों व पार्किंग के काम लेकर व्यापार किया जा रहा है ! ◆शिवमूर्ति व पार्क के लिए 250 करोड़ रु. दान देकर, 250 करोड़ रु. से ज्यादा की जमीन ले ली जाती है तथा बाद मे 150 दुकानों से व टिकीट से आय के रूप मे मुनाफा ! इसे कहते है "आम के आम, गुठलियों के दाम" ◆दान ऐसा देना चाहिए जो आमजन कई वर्षो तक याद रखे , किन्तु यह दान ऐसा जो वर्षों तक इन्कम (मुनाफा) दे ! ◆दान / समाज सेवा मे खर्च करने का सही तरीका है - "जमीन लेकर दान देना" ! जैसे- आईकोनिक गेट, माँडल बस स्टैण्ड, शिवमूर्ति व पार्क आदि ! 【अतः यह विकास ●व्यवधान पैदा करने वाला है, ●धन/जमीन बबार्द करने वाला है व इससे ●आमजन को भी कोई फायदा भी नहीं है !】 तो ऐसा विकास कार्य क्यों किया गया ? 【क्रमशः 5........ शेष अन्य विकास कार्य .......】 सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #18/12/2021 #dineshapna










 

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