Thursday 22 June 2023

◆◆2◆◆नेता + अधिकारी + खास आदमी + आम आदमी ◆◆2◆◆ ★आम आदमी, अधिकारी व नेता को समझे !★ 【आम आदमी = "मालिक"】 【अधिकारी = "सेवक"】 【नेता = "जनसेवक"】 (१) आम आदमी (आम जनता) "मालिक" है ! जो अधिकारी को "वेतन" देती है, अपना काम कराने के लिए और नेता को "वोट" देती है, अपना प्रतिनिधि बनाने के लिए ! (२) अधिकारी एक "सेवक" (नौकर) है जिसे आम जनता के टैक्स के पैसो से वेतन का मिलता है, आम जनता का कार्य करने के लिए ! किन्तु हकीकत मे काम करते है नेताओं व स्वयं के लिए, जो गलत है ! (३) नेता (जनप्रतिनिधि) एक "जनसेवक" है जिसे आम जनता के वोट देकर अपना प्रतिनिधि चुनती है, आम जनता के कहने के अनुसार कार्य करने के लिए ! किन्तु हकीकत मे काम करते है स्वयं के लिए, जो गलत है ! (४) हकीकत मे अधिकारी व नेता काम स्वयं के लिए करने लग जाते है और आम आदमी के साथ धोखा कर रहे है, जो गलत है ! इसे बदलने के लिए आम आदमी को ही संगठित होकर आगे आना होगा ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक आम आदमी #(26) #16/06/23 #dineshapna ■■■■■■■■■■■■■■■ ★आम आदमी v/s खास आदमी को समझे !★ 【आम आदमी = "मालिक"】 【खास आदमी = "स्वार्थी मालिक"】 (१) "आम आदमी" (आम जनता) "मालिक" है ! किन्तु अधिकारी व नेता ने आम आदमी को "नौकर" बनाने से भी ज्यादा "गुलाम" तक बना दिया । (२) "खास आदमी" (सक्षम / स्वार्थी आदमी) ने आम आदमी को लूट / शोषण करके स्वयं "स्वार्थी मालिक" बन गया । इसने ही "भ्रष्टाचार" का आविष्कार किया । अधिकारी /नेताओं को धन / बाहु के बल पर जनता / सरकारी सम्पदाओं को ठगा / लूटा । इस प्रकार अधिकारीयो / नेताओं को खरीदकर धनपति बन गया । (३) "खास आदमी" ने अपने स्वार्थ के लिए अधिकारियों को रिश्वत देकर नियम विरुद्ध कार्य करवाकर सरकार / आम आदमी को लूटते है ! इसी प्रकार नेताओं को चन्दा देकर नियम विरुद्ध या अनैतिक कार्य करके सरकार / आम आदमी / बैक / सरकारी जमीन / सरकारी धन को लूटकर धन कमाते है । (४) इस प्रकार "खास आदमी" ही अधिकारीयो / नेताओं को धन / बल से खरीद कर आम आदमी / सरकार को लूट कर भ्रष्टाचार का पर्यावरण बनाया जिससे आम आदमी का जीना दूभर कर रखा है । सीए. दिनेश सनाढ्य - एक आम आदमी #(27) #17/06/23 #dineshapna ■■■■■■■■■■■■■■■ ★नेता + अधिकारी + खास (सक्षम) आदमी के लूट का चक्रव्यूह !★ Solution of any Problem is in the root of the Problem. नेता ही है लूट की मूल जड़ या केन्द्र बिन्दु ! आम आदमी (जनता) इसी कारण है शोषित या लूट से पिडित ! (१) नेता को "चुनाव जीतने के लिए" पैसा चाहिए और वह पैसा (चन्दा) से आता है "खास (सक्षम) आदमी से" ! चुनाव जीतने के बाद नेता ही खास (सक्षम) आदमी को सरकारी धन / सम्पत्ति लूटाता है व आम आदमी (जनता) को लूटते देखकर भी चुप रहता है ! (२) नेता "चुनाव जीतने के बाद" स्वयं भी सरकारी धन / आम आदमी (जनता) को लूटता है क्योंकि उसे वापस आगामी चुनाव के लिए धन एकत्र करना है ! नेता को लूटने मे "सहायता करता है अधिकारी" ! इसलिए अधिकारी भी दोनों हाथों से सरकारी धन / आम आदमी (जनता) को लूटते है और नेता चुप रहते है ! (३) नेता चुनाव जीतने के लिए आम आदमी (जनता) को मूर्ख बनाते है ! इसके लिए "मुफ्त की रेवाड़ी" बाँटते है व "धन / शराब" भी बाँटते है ! चुनाव के बाद "मुफ्त की रेवाड़ी" व "धन / शराब" का पैसा टैक्स बढ़ाकर आम आदमी (जनता) से ही वसूला जाता है ! (४) समाधान :- ◆ नेताओं के चुनाव खर्च को समाप्त करे ! चुनाव का सभी खर्च सरकार वहन करें ! ◆ नेता की सम्पत्ति व आय पर पूर्ण नियंत्रण रखें ! उसकी सम्पत्ति व आय पर 24 घण्टे सरकारी निगरानी रहे व सभी निगरानी की गतिविधियाँ प्रतिदिन सार्वजनिक हो ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक आम आदमी #(28) #18/06/23 #dineshapna ■■■■■■■■■■■■■■■ ★लूट का आयना - नेता + अधिकारी + खास (सक्षम) आदमी का !★ ★—"प्रत्यक्षं किम् प्रमाणम्"—★ 【आय से अधिक "सम्पत्ति व संचित धन" होने पर उसके आय के स्त्रोत की "जाँच सार्वजनिक हो" !】 (१) नेता — कांग्रेस के कुछ बड़े नेता, राजद, बीएसपी, सपा व अन्य कई राजनैतिक दलों के कुछ नेताओं की आय से अधिक "सम्पत्ति व संचित धन" होने पर भी ठोस कार्यवाही नहीं होने पर कम से कम जाँच को सार्वजनिक करें ! उसके बाद ही नेता वोट माँगे ! (२) अधिकारी — सरकारी कुछ अधिकारी "खास आदमी / नेता / रिश्वत देने वालो" का ही कार्य करते है ! शेष आम आदमी (जनता) को काम के लिए चक्कर ही लगाने पड़ते है ! इसमे से कुछ हिस्सा नेताओं को भी दिया जाता है ! ऐसे अधिकारियों की आय से अधिक "सम्पत्ति व संचित धन" की जाँच सार्वजनिक हो ! (३) खास (सक्षम) आदमी — "नेता चन्दे" व "अधिकारी रिश्वत" के बदले मे खास (सक्षम) आदमी सरकारी धन / जमीन / छूट का फायदा देते है ! इसके साथ ही वह आम आदमी (जनता) को लूटता है तब भी नेता / अधिकारी चुप रहते है ! (४) अरविन्द केजरीवाल + मनीष सिनोदिया + नरेन्द्र मोदी + योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं के पास से आय से अधिक सम्पत्ति या धन हो तो बताये ? ★इनको पहल करते हुए अपनी "सम्पत्ति व संचित धन" तथा उसके आय के स्त्रोत को सार्वजनिक करें !★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक आम आदमी #(29) #18/06/23 #dineshapna ■■■■■■■■■■■■■■■ ★कौन क्या है ? क्या कर्तव्य है ? क्या कर रहे है ?★ 【नेता = "जनसेवक"】 【अधिकारी = "सेवक"】 【खास आदमी = "स्वार्थी मालिक"】 【आम आदमी = "मालिक"】 (१)【नेता = "जनसेवक"】नेता आम आदमी से वोट लेते है इसलिए वह जनता का प्रतिनिधित्व करते हुए जनता के हित मे ही कार्य करना चाहिए । किन्तु हकीकत मे नेता केवल स्वयं (वोट या नोट) के लिए कार्य करते है या खास आदमी के लिए स्वयं का हित साधते हुए कार्य करते है । (२)【अधिकारी = "सेवक"】अधिकारी आम आदमी के द्वारा दिये गये टैक्स के धन से वेतन लेते है इसलिए उनको जनता के लिए व जनता के हित मे ही कार्य करना चाहिए । किन्तु हकीकत मे अधिकारी नेता / खास आदमी / स्वयं (नोट) के लिए कार्य करते है । केवल दिखाने के लिए आम आदमी के लिए कार्य करते है । (३)【खास आदमी = "स्वार्थी मालिक"】खास आदमी जनता से धन कमाते है तो जनता के लिए कार्य करना चाहिए । किन्तु हकीकत मे खास आदमी अपने स्वार्थ के लिए नेता / अधिकारी को व्यक्तिगत फायदा देकर कार्य कराते है । जिससे आम आदमी / सरकारी धन / जमीन को नुकसान पहुँचाते है । (४)【आम आदमी = "मालिक"】आम आदमी मालिक है तथा नेता को वोट देकर अपना जनसेवक बनाती है और अधिकारी को वेतन देकर अपना सेवक बनाती है । किन्तु हकीकत मे नेता / अधिकारी / खास आदमी ने आम आदमी (जनता) को मालिक से बन्धुआ / बेबस गुलाम बना रखा है । (५) 【समाधान】आम आदमी के अपने हितों की रक्षा के लिए ◆संगठित होकर न्याय के लिए आवाज उठाने के साथ ◆धर्म युद्ध करने की जरूरत है । आम आदमी ◆स्वयं नेता बने व अधिकारी / खास आदमी को ◆कानून से नियंत्रित करे ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक आम आदमी #(32) #21/06/23 #dineshapna










 

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